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MP News: मध्य प्रदेश बिजली कंपनी के वर्ग 3 और 4 के लगभग ढाई हजार पदों की मार्च में हुई परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी बनी हुई है। संशोधित रिजल्ट के बाद भी समस्या खत्म नहीं हुई है। ‘द सूत्र’ ने सोमवार को इस मुद्दे पर खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद कई उम्मीदवारों ने रिजल्ट को लेकर नए सवाल उठाए हैं।
विवाद क्या है ?
कई पदों के लिए उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, इसमें 20 मार्च को दूसरी पाली और 21 मार्च की तीन पालियों में बैठे उम्मीदवारों के अंक असिस्टेंट ग्रेड 3 की मेरिट सूची में जोड़े जाने थे। लेकिन 20 मार्च की पाली के उम्मीदवारों के अंक जोड़े ही नहीं गए। नतीजतन इस पाली के किसी भी उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ। इस पर आपत्ति लगी तो फिर रिजल्ट होल्ड हुआ और इसके बाद नया जारी किया गया।
अब रिजल्ट पर क्या-क्या आपत्तियां आई है
- असिस्टेंट ग्रेड 3 के रिजल्ट में अभी भी 171 पद खाली है, इन्हें नहीं भरा गया है।
- एसटी ओपन कैटेगरी में सभी पद बैगा, बारिया और सहरिया जनजाति वालों को दे दी गई है।
- एक्स सर्विसमैन को सीट नहीं दी गई।
- 21 मार्च की तीसरी शिफ्ट से भी चयन नहीं होने की भी शिकायत ।
- गलत प्रश्न और उनके जवाब को नहीं हटाया, 21 मार्च की दूसरी शिफ्ट में दो सवाल पर जबकि आपत्ति थी।
सबसे ज्यादा विवाद नॉर्मलाइजेशन पर
- -नॉर्मलाइजेशन के बाद नंबर में बहुत उतार-चढ़ाव हुए, जो पहले चयनित थे वह बाद के संशोधित रिजल्ट में बाहर हो गए हैं।
- कई उम्मीदवारों की शिकायत है कि उनका कटऑफ के अंदर अंक है लेकिन मेरिट सूची में नाम नहीं है। वहीं कंपनी का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन के बाद उनके नंबर कम हुए होंगे, इसलिए चयन नहीं हुआ। वहीं नॉर्मलाइजेशन के अंक सामने नहीं आए हैं।
- -एक उम्मीदवार ने कहा कि एसटी कैटेगरी में 21 मार्च शिफ्ट में नॉर्मलाइजेशन के बाद नंबर बढ़े हैं। मेरे मूल नंबर 67 थे, नंबर बढे तो मेरा कट ऑफ प्राप्त होता है मेरा चयन होना चाहिए था लेकिन नहीं हुआ।
एसटी-एससी में भी बहुत ज्यादा कटआफ
वहीं कंपनी द्वारा जो कटऑफ बताए गए हैं, उसमें एसटी और एससी कैटेगरी में कट ऑफ बहुत ज्यादा बताया गया है। अनारक्षित ओपन में जो 83.77 फीसदी कटआफ है, वहीं एसटी ओपन में 71.94 है, यही एससी ओपन में 77.86 है तो ओबीसी ओपन में 82.81 फीसदी अंक और ईडब्ल्यूएस ओपन में 82.79 फीसदी अंक है। सामान्य तौर पर एसटी और एसटी कैटेगरी में इतना अधिक कटऑफ नहीं जाता है, यह 60-65 फीसदी के आसपास रहता है। इतना कटऑफ किसी को भी समझ नहीं आ रहा है। वहीं यह भी बात आ रही है कि एसटी कैटेगरी में सभी प बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति के पास चले गए हैं, अन्य जनजाति के लिए पद ही नहीं रहे।
संशोधित रिजल्ट पर इसिलए भी विवाद
अब उम्मीदवारों ने इस संबंध में आपत्ति ली है। इनका कहना है कि कुल 545 उम्मीदवारों का चयन असिस्टेंट ग्रेड 3 में हुआ और इसकी मेरिट सूची जारी की। लेकिन संशोधन के बाद 20 मार्च की दूसरी पाली के केवल 20 उम्मीदवारों का ही चयन हुआ है बाकी 525 उम्मीदवार 21 मार्च की पाली वाले ही है, तो क्या केवल 20 उम्मीदवार ही चयनित हुए। यह भी तब जोड़े गए जब आपत्ति ली थी। पहले के रिजल्ट में जैसे आयुष साहू का नाम पूरे 545 चयनितों में ही नहीं था, लेकिन जब नया रिजल्ट आया तो वह चयनित थे। ऐसे कई और उम्मीदवार होंगे।
अंक कटऑफ से ज्यादा, फिर चयन कहां अटका
वहीं 'द सूत्र' के पास कई उम्मीदवारों ने उनके अंक भेजकर बताया कि कट ऑफ अंक से उनके अंक ज्यादा है लेकिन इसके बाद भी चयन सूची में जगह नहीं है। इस पर बिजली कंपनी के जिम्मेदारों का कहना है कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लगा है। इस फार्मूले के कारण नंबर कम-ज्यादा हुए हैं। ऐसे में जो मूल अंक थे, उसके आधार पर उम्मीदवार कटऑफ देख रहे हैं, जो सही नहीं है। अभी कंपनी की ओर से नॉर्मलाइजेशन के बाद के अंक सूची जारी नहीं की है, हालांकि कट ऑफ जारी कर दिए हैं।
कट ऑफ लिस्ट में यह रहा
इसी के साथ भर्ती एजेंसी ने इसमें कट ऑफ की मांग को पूरा कर दिया है और हर पद के लिए कैटेगरी वाइज यह कटऑफ जारी कर दिया गया है। सबसे ज्यादा मांग में रहे ऑफिस असिस्टेंट ग्रेड 3 के पद में यूआर के लिए 83.77 फीसदी, महिला के लिए 80.34 फीसदी, ओबीसी के लिए 82.81 फीसदी, ओबीसी महिला के लिए 79.24 फीसदी, एससी के लिए 71.94 फीसदी, एसटी महिला में 67.20 फीसदी, एससी में 77.86 फीसदी, एससी महिला में 71.58 फीसदी और ईडब्ल्यूएस में 82.79 व इसी में महिला में 77.62 फीसदी कटऑफ रहा है।
अंकसूची बाद में आएगी
अभी इसमें अंकसूची नहीं आई है और ना ही मेरिट में टॉपर कौन है इसे जारी किया गया है। केवल कंपनी ने रोल नंबर के क्रम से ही मेरिट सूची जारी कि है, यानि जिसका मेरिट क्रम में जिसका रोल नंबर पहले उसे चयन सूची में पहले रखा गया है। यह सूची अंकों के आधार पर नहीं बनी है। यह अंकसूची जारी होने के बाद ही साफ होगा।
यह हुआ था विवाद
इसमें मुख्य तौर पर 20 मार्च को हुए परीक्षा को लेकर मुद्दा था। Office Assistant Grade -III और Store Assistant व अन्य पदों के लिए कई उम्मीदवारों ने एक साथ फार्म भरा था। इनका पेपर 20/3/2025 को हुआ। एडमिट कार्ड जारी हुआ था तो कहा गया था कि दोनों पोस्ट के लिए एक ही पेपर होगा और इसी के नंबर दोनों पोस्ट की सूची में रखें जायेंगें। परंतु रिजल्ट में यह नंबर Office Assistant Grade -III की सूची में नहीं रखे गए। इससे 20 मार्च की शिफ्ट वालों के चयन ही Office Assistant Grade -III में नहीं हुआ। वहीं उम्मीदवारों की आपत्तियां इस पर भी थी कि उसकी कटऑफ जारी नहीं हुए और ना ही कैटेगरी वाइज रिजल्ट जारी किए गए हैं। इसमें ट्रांसपेरेंसी नहीं रखी गई।
इधर नेता प्रतिपक्ष ने भी लगाए थे आरोप
वहीं इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भोपाल में विभाग पर आरोप लगाए और कहा कि -बिजली विभाग में भ्रष्टाचार का नया अध्याय!
MP की तीनों बिजली कंपनियों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 2573 पदों के लिए परीक्षा का परिणाम बुधवार को घोषित किया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसे MP Online और बिजली कंपनियों की वेबसाइट से हटा लिया गया। यह कोई तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि सरकार की नियत में खोट है।
70-80 नंबर लाने वाले SC-ST और General अभ्यर्थी बाहर, फिर चयनित कौन हुआ?
मेरिट लिस्ट कहां है? कट ऑफ लिस्ट क्यों नहीं जारी की गई? ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जी खुद चयनित अभ्यर्थियों को बधाई दे चुके हैं, तो फिर रिजल्ट क्यों हटाया गया? क्या पहले से तय सूची पर मुहर लगाने की कोशिश हो रही थी? भाजपा सरकार में भर्ती परीक्षाएं मज़ाक बन चुकी हैं!
अधिकारी ने 'द सूत्र' से माना था कि चूक हुई है
वहीं कंपनी के अधिकारी ने 'द सूत्र' से माना था कि रिजल्ट बनाने में हमारे अधिकारियों से चूक हुई है और वह पेपर के अंक दूसरे पदों में जोड़ना भूल गए, इसके चलते मेरिट में उनके नाम नहीं जुड़ सके हैं। कटऑफ को लेकर भी आपत्ति थी। इस मामले में एमडी ने फिर से सूची जारी करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद यह संशोधित रिजल्ट जारी हुआ।
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