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एमपी बिजली कंपनी के वर्ग 3 और चार के करीब ढाई हजार पदों के लिए मार्च माह में हुई परीक्षा के रिजल्ट को लेकर हुई गफलत संशोधित रिजल्ट के बाद भी दूर नहीं हुई है। इस संशोधित रिजल्ट को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मुख्य विवाद असिस्टेंट ग्रेड 3 की मेरिट सूची को लेकर है।
विवाद क्या है
कई पदों के लिए उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, इसमें 20 मार्च को दूसरी पाली और 21 मार्च की तीन पालियों में बैठे उम्मीदवारों के अंक असिस्टेंट ग्रेड 3 की मेरिट सूची में जोड़े जाने थे। लेकिन 20 मार्च की पाली के उम्मीदवारों के अंक जोड़े ही नहीं गए। नतीजतन इस पाली के किसी भी उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ। इस पर आपत्ति लगी तो फिर रिजल्ट होल्ड हुआ और इसके बाद नया जारी किया गया।
संशोधित रिजल्ट पर क्यों विवाद
अब उम्मीदवारों ने इस संबंध में आपत्ति ली है। इनका कहना है कि कुल 545 उम्मीदवारों का चयन असिस्टेंट ग्रेड 3 में हुआ और इसकी मेरिट सूची जारी की। लेकिन संशोधन के बाद 20 मार्च की दूसरी पाली के केवल 20 उम्मीदवारों का ही चयन हुआ है बाकी 525 उम्मीदवार 21 मार्च की पाली वाले ही है, तो क्या केवल 20 उम्मीदवार ही चयनित हुए। यह भी तब जोड़े गए जब आपत्ति ली थी। पहले के रिजल्ट में जैसे आयुष साहू का नाम पूरे 545 चयनितों में ही नहीं था, लेकिन जब नया रिजल्ट आया तो वह चयनित थे। ऐसे कई और उम्मीदवार होंगे।
अंक कटऑफ से ज्यादा, फिर चयन कहां अटका
वहीं द सूत्र के पास कई उम्मीदवारों ने उनके अंक भेजकर बताया कि कटऑफ अंक से उनके अंक ज्यादा है लेकिन इसके बाद भी चयन सूची में जगह नहीं है। इस पर बिजली कंपनी के जिम्मेदारों का कहना है कि परीक्षा में नार्मलाइजेशन फार्मूला लगा है। इस फार्मूले के कारण नंबर कम-ज्यादा हुए हैं। ऐसे में जो मूल अंक थे, उसके आधार पर उम्मीदवार कटऑफ देख रहे हैं, जो सही नहीं है। अभी कंपनी की ओर से नार्मलाइजेशन के बाद के अंक सूची जारी नहीं की है, हालांकि कटऑफ जारी कर दिए हैं।
कई उम्मीदवारों के नाम जुड़ गए, लेकिन पद रिक्त
असिस्टेंट ग्रेड 3 के कुल 818 पद थे जिसमें 13 फीसदी होल्ड करने के बाद 87 फीसदी में 717 पद थे। इसमे से कंपनी ने कुल 545 पदों के लिए मेरिट लिस्ट जारी की है। बाकी पदों के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आए हैं। पहले 20 मार्च की शिफ्ट के जिनके पेपर के अंक इस पद के लिए कंपनी जोड़ना भूल गई थी उससे करीब 20 उम्मीदवार चयनित हुए हैं। हालांकि उम्मीदवार अभी भी इसमें शिकायत कर रहे हैं और उनका कहना है कि 20 मार्च के पेपर टफ थे, वहीं अभी भी 87 फीसदी कोटे के सभी 717 पदों पर मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई है।
कटऑफ लिस्ट में यह रहा
इसी के साथ भर्ती एजेंसी ने इसमें कटऑफ की मांग को पूरा कर दिया है और हर पद के लिए कैटेगरी वाइज यह कटऑफ जारी कर दिया गया है। सबसे ज्यादा मांग में रहे आफिस असिस्टेंट ग्रेड 3 के पद में यूआर के लिए 83.77 फीसदी, महिला के लिए 80.34 फीसदी, ओबीसी के लिए 82.81 फीसदी, ओबीसी महिला के लिए 79.24 फीसदी, एसटी के लिए 71.94 फीसदी, एसटी महिला में 67.20 फीसदी, एससी में 77.86 फीसदी, एससी महिला में 71.58 फीसदी और ईडब्ल्यूएस में 82.79 व इसी में महिला में 77.62 फीसदी कटऑफ रहा है।
अंकसूची बाद में आएगी
अभी इसकी अंकसूची नहीं आई है और ना ही मेरिट में टॉपर कौन है इसे जारी कियाा गया है। केवल कंपनी ने रोल नंबर के क्रम से ही मेरिट सूची जारी कि है, यानि जिसका मेरिट क्रम में जिसका रोल नंबर पहले उसे चयन सूची में पहले रखा गया है। यह सूची अंकों के आधार पर नहीं बनी है। यह अंकसूची जारी होने के बाद ही साफ होगा।
यह हुआ था विवाद
इसमें मुख्य तौर पर 20 मार्च को हुए परीक्षा को लेकर मुद्दा था। Office Assistant Grade -III और Store Assistant व अन्य पदों के लिए कई उम्मीदवारों ने एक साथ फार्म भरा था। इनका पेपर 20/3/2025 को हुआ। एडमिट कार्ड जारी हुआ था तो कहा गया था कि दोनों पोस्ट के लिए एक ही पेपर होगा और इसी के नंबर दोनों पोस्ट की सूची में रखें जायेंगें। परंतु रिजल्ट में यह नंबर Office Assistant Grade -III की सूची में नहीं रखे गए। इससे 20 मार्च की शिफ्ट वालों के चयन ही Office Assistant Grade -III में नहीं हुआ। वहीं उम्मीदवारों की आपत्तियां इस पर भी थी कि इसके कटऑफ जारी नहीं हुए और ना ही कैटेगरी वाइज रिजल्ट जारी किए गए हैं। इसमें ट्रांसपेंरेंसी नहीं रखी गई।
इधर नेता प्रतिपक्ष ने भी लगाए थे आरोप
वहीं इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भोपाल में विभाग पर आरोप लगाए औऱ कहा कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचार का नया अध्याय! MP की तीनों बिजली कंपनियों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 2573 पदों के लिए परीक्षा का परिणाम बुधवार को घोषित कियाा गया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसे MP Online और बिजली कंपनियों की वेबसाइट से हटा लिया गया। यह कोई तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि सरकार की नीयत में खोट है। 70-80 नंबर लाने वाले SC-ST और General अभ्यर्थी बाहर, फिर चयनित कौन हुआ? मेरिट लिस्ट कहां है? कटऑफ लिस्ट क्यों नहीं जारी की गई? ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जी खुद चयनित अभ्यर्थियों को बधाई दे चुके हैं, तो फिर रिज़ल्ट क्यों हटाया गया? क्या पहले से तय सूची पर मुहर लगाने की कोशिश हो रही थी? भाजपा सरकार में भर्ती परीक्षाएं मज़ाक बन चुकी हैं!
अधिकारी ने द सूत्र पर माना था कि चूक हुई है
वहीं कंपनी के अधिकारी ने द सूत्र पर माना था कि रिजल्ट बनाने में हमारे अधिकारियों से चूक हुई है और वह पेपर के अंक दूसरे पदों में जोड़ना भूल गए, इसके चलते मेरिट में उनके नाम नहीं जुड़ सके हैं। कटऑफ को लेकर भी आपत्ति थी। इस मामले में एमडी ने फिर से सूची जारी करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद यह संशोधित रिजल्ट जारी हुआ।
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