MP News : मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत नया अध्यादेश जारी किया है। इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 से छात्रों को दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ एक वर्षीय पीजी कोर्स और पीजी डिप्लोमा करने का विकल्प मिलेगा अब बीए पास छात्र भी एमएससी और एमकॉम जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकेंगे। साथ ही छात्रों को विषय चयन की स्वतंत्रता और क्रेडिट आधारित लचीलापन मिलेगा।
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किसी भी विषय में कर सकते हैं PG या PG डिप्लोमा
नए मूल्यांकन ढांचे के अनुसार, 40% अंक आंतरिक मूल्यांकन से और 60% मुख्य परीक्षा से तय किए जाएंगे। अगर किसी छात्र ने स्नातक (यूजी) में किसी विषय को मेजर या माइनर के रूप में लिया है, तो वह उसी विषय में पीजी कर सकेगा। इसके अलावा,प्रवेश परीक्षा पास करने वाले छात्र किसी भी विषय में पीजी या पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं।
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अब एक सेमेस्टर में होंगे 22 क्रेडिट
-प्रत्येक सेमेस्टर अब 22 क्रेडिट का होगा। इस आधार पर, एक वर्षीय पीजी या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स न्यूनतम 44 क्रेडिट का होगा, जबकि दो वर्षीय पीजी प्रोग्राम 88 क्रेडिट का रहेगा।
-पहले पीजी को तीन वर्षों में पूरा करना होता था। लेकिन अब जो छात्र चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम पूरा करेंगे, वे सीधे एक वर्षीय पीजी में दाखिला ले सकेंगे।
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छात्रों को वैल्यू-एडेड कोर्स करने का अवसर
नई व्यवस्था में छात्रों को एथिक्स, योग, डिजिटल साक्षरता और उद्यमिता जैसे वैल्यू-एडेड कोर्स करने का अवसर मिलेगा। ये कोर्स उनके व्यक्तित्व विकास और प्रोफेशनल स्किल्स को निखारने में मदद करेंगे।
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मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव
-अब मूल्यांकन में आंतरिक परीक्षा को 40% और मुख्य परीक्षा को 60% वेटेज मिलेगा। दोनों में न्यूनतम 40% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
-यदि कोई छात्र प्रोजेक्ट, सेमिनार या डीसर्टेशन में फेल होता है, तो उसे दो सेमेस्टर के भीतर पुन: प्रयास का अवसर मिलेगा।
-अभी तक 15% वेटेज सीसीई (निरंतर मूल्यांकन) और 85% वेटेज मुख्य परीक्षा को मिलता था, जिसे अब संशोधित किया गया है।