विकास और सुविधाओं के नाम पर भोपाल के पुराने शहर से सरकारी दफ्तरों के शिफ्ट होने को लेकर भाजपा और कांग्रेस एकजुट हो गए हैं। सांसद आलोक शर्मा की आपत्ति के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी अपनी सहमति दी है। सभी का कहना है कि शिफ्टिंग से पुराने भोपाल की पहचान खो जाएगी। इसे लेकर अब दोनों दल एक मंच पर आकर विरोध कर रहे हैं, और प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं कि सरकारी दफ्तरों की शिफ्टिंग पर रोक लगाई जाए। इस मुद्दे पर शहरवासियों और नेताओं के बीच तीव्र विरोध हो रहा है।
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सांसद आलोक शर्मा ने जताई नाराजगी
सांसद आलोक शर्मा ने हाल ही में कलेक्टर कार्यालय के स्थानांतरण पर नाराजगी व्यक्त की थी। उनका कहना है कि पुराना भोपाल अपनी पहचान खो देगा अगर यह शिफ्टिंग जारी रही। इधर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और आतिफ अकील ने सांसद आलोक शर्मा के विचारों का समर्थन किया है और कहा कि अब किसी सरकारी दफ्तर को शिफ्ट न किया जाए।
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प्रोफेसर कॉलोनी में शिफ्टिंग की योजना
कलेक्टर और कमिश्नर ऑफिस को प्रोफेसर कॉलोनी में शिफ्ट करने की योजना है। इस प्रस्ताव को एनजीटी से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसका विरोध बढ़ रहा है। सांसद आलोक शर्मा ने शिफ्टिंग का विरोध किया था और इसके बाद प्रशासन ने प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया है। वे मुख्यमंत्री से मिलकर समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
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