BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने पुरानी पेंशन की बहाली का मामला उठाया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सेना महेश पटेल ने पुरानी पेंशन की बहाली के संबंध में सरकार के स्तर पर किसी योजना के प्रस्तावित होने की जानकारी मांगी।
जवाब में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने ऐसे किसी भी प्रस्ताव के विचाराधीन होने से इंकार कर दिया। डिप्टी सीएम के इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने पुरानी पेंशन के संबंध में उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की लेकिन सरकार की ओर से इसे नकार दिया गया।
एनपीएस में नहीं पुरानी पेंशन सुविधा
मध्य प्रदेश में लंबे समय से कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली की मांग की जा रही है। साल 2005 के बाद शासकीय सेवा में आए कर्मचारियों को नई पेंशन दी जा रही है। इस नई पेंशन स्कीम के कारण कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पुरानी पेंशन की तरह सुविधाएं नहीं मिल रहीं।
कांग्रेस विधायक सेना महेश पटेल ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने के संबंध में सरकार से जानकारी चाही थी। उनके प्रश्न के जवाब में उप मुख्यमंत्री (वित्त) जगदीश देवड़ा ने कहा कि सरकार कर्मचारी हित में निर्णय लेती है। फिलहाल सरकार के पास पुरानी पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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पड़ौसी राज्यों में ओपीएस पर विचार
विधायक सेना पटेल ने कहा कि कर्मचारियों के लिए जो एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) योजना चलाई जा रही है वह बाजार आधारित है। इस वजह से कर्मचारियों को इस पेंशन स्कीम से कोई लाभ नहीं होगा। इसमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मासिक पेंशन को लेकर भी स्थिति सुनिश्चित नहीं है।
पेंशन राशि सेवाकाल की अवधि और बाजार की स्थिति के आधार पर तय होती है। पड़ौसी राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने पर वहां की सरकार विचार कर रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश पीछे क्यों है।
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कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल
कांग्रेस विधायक ने कहा कि एनपीएस के कारण कर्मचारियों में भविष्य की सुरक्षा की चिंता बढ़ गई है। उनका मनोबल कमजोर हुआ है क्योंकि वे एनपीएस को सेवानिवृत्ति के बाद स्थायी पेंशन के लिए बेहतर नहीं मानते। कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं।
उनके समर्थन में कांग्रेस विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने भी कर्मचारियों से जुड़े इस मसले पर सरकार से विचार करने और ओपीएस लागू करने की मांग की। हांलाकि उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने उनकी मांग को पूरी तरह खारिज कर दिया।
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