मंत्री गोविंद राजपूत पर भारी पड़ सकती है भूपेंद्र की ‘दुश्मनी’, कोर्ट जा सकता है करोड़ों की जमीन छिपाने का मामला

मंत्री गोविंद राजपूत ने सागर में करोड़ों की जमीन खरीदी, पर चुनावी हलफनामे में इसका उल्लेख नहीं किया। आयकर विभाग और लोकायुक्त की नजर उन पर है।  

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Sourabh Bhatnagar
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इन दिनों राजनीतिक हलकों में सबसे बड़ी चर्चा सागर के दो कद्दावर बीजेपी नेताओं की प्रतिद्वंदिता है। मध्य प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच की तनातनी किसी से छिपी नहीं है, मगर अब जिस पेंच में गोविंद सिंह उलझ गए हैं, वह उन पर भारी पड़ सकती है। सूत्रों का कहना है कि भोपाल के विधायक आरिफ मसूद की तरह संपत्ति का सही विवरण नहीं देने का मामला मंत्री राजपूत पर भी लागू हो सकता है। सूत्रों के अनुसार इस तनातनी के बीच भूपेंद्र सिंह के समर्थक मामले को मीडिया की सुर्खियों में लेकर आए हैं। अब माना जा रहा है इस मामले में याचिका भी लगवाई जा सकती है।आइए समझते हैं क्या है ये पूरा विवाद…  

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करोड़ों की जमीन खरीदी थीं 

मध्य प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत विवादों में हैं। उनके द्वारा सागर जिले में खरीदी गई करोड़ों की जमीन का चुनावी हलफनामे में उल्लेख नहीं किया गया है। सूत्र बताते हैं कि 2019 से 2024 के बीच राजपूत ने अपने अलावा पत्नी और पुत्रों के नाम से सागर में ही करीब 40 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। अब इन जमीनों की अनुमानित कीमत सैकड़ों करोड़ बताई जा रही है। ये जमीनें सागर जिले के तिली माफी, भापेल, मारा इमलिया, पथरिया जाट और मेनपानी ग्रामों में हैं। यह सभी गांव शहर से सटे होने के कारण कई जगह जमीनों के रेट 10,000 प्रति वर्ग फीट तक पहुंच गए हैं।

शपथ पत्र में इनका उल्लेख ही नहीं

बता दें कि राजपूत ने 2023 के अपने चुनावी हलफनामे में लगभग 12 करोड़ रुपए कीमत की जमीनों का उल्लेख किया है। वहीं एक दर्जन से अधिक जमीनों का उल्लेख शपथ पत्र में नहीं है। यह बेशकीमती जमीनें बाशियाभनसा, तिली माफी, भापेल, मारा इमलिया, पथरिया जाट, नरियावली, मेनपानी में हैं।

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नोटिस मिला तो दिया जवाब- पैतृक संपत्ति है 

आयकर विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने पर राजपूत ने दावा किया कि ये जमीनें उनके ससुराल पक्ष से गिफ्ट में मिली हैं और उनकी पैतृक संपत्ति का हिस्सा हैं। अब चर्चा है कि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का समर्थक तबका इस मामले को लपकने की तैयारी में है। ऐसे में यह मामला गोविंद सिंह पर भारी पड़ सकता है।

FAQ

गोविंद राजपूत पर क्या आरोप हैं?
गोविंद राजपूत पर चुनावी हलफनामे में सागर में खरीदी गई करोड़ों की जमीन का उल्लेख न करने का आरोप है।
कितनी जमीन खरीदी गई है?
2019 से 2024 के बीच लगभग 40 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई है।
ये जमीनें किन क्षेत्रों में स्थित हैं?
तिली माफी, भापेल, मारा इमलिया, पथरिया जाट और मेनपानी गांवों में।
क्या यह जमीन पैतृक संपत्ति है?
गोविंद राजपूत का दावा है कि यह जमीन उनके ससुराल पक्ष से गिफ्ट में मिली और उनकी पैतृक संपत्ति का हिस्सा है।
इस विवाद का मुख्य कारण क्या है?
विवाद का मुख्य कारण इन जमीनों का चुनावी हलफनामे में उल्लेख न करना है।

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