गोविंद सिंह की कोठी : अमित की याचिका खारिज, नपती की कार्रवाई फिर शुरू

मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की कोठी की फिर से नपती की जा रही है। राजस्व की टीम अब कोठी के अंदर जा चुकी है। अमित प्रताप सिंह की याचिका खारिज होने के बाद आज फिर कार्रवाई शुरू की गई है...

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश भिंड के लहार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह की कोठी की नपती की कार्रवाई फिर शुरू कर दी गई है। इसके लिए राजस्व की टीम कोठी के अंदर जा चुकी है। राजस्व विभाग की टीम के साथ पुलिस फोर्स और क्यूआरएफ बल के साथ कोठी के अंदर गई। ऐसे में मौके पर मौजूद डॉ. गोविंद के समर्थकों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। कुछ देर तनाव की स्थिति बनी, वहीं लहार एसडीएम विजय सिंह यादव ने टीम का सहयोग करने की अपील की।

डॉ. गोविंद के बेटे अमित प्रताप की याचिका खारिज

गुरुवार, 18 जुलाई को राजस्व की टीम कोठी के नपाई के लिए पहुंची थी, लेकिन तब नपाई पूरी नहीं हो सकी थी। दूसरे दिन 19 जुलाई को कांग्रेस नेता के बेटे अमित प्रताप सिंह ने सीमांकन रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। अब यह खारिज हो गई है ऐसे में आज फिर कार्रवाई शुरू की गई है।

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डॉ. गोविंद सिंह ने विधायक अंबरीश शर्मा पर लगाए आरोप

पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने लहार बीजेपी विधायक अंबरीश शर्मा पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वे दुश्मनों जैसा बर्ताव कर रहे हैं। हमारे कार्यकर्ताओं को जेल में डलवा रहे हैं अब हमारा मकान तुड़वाकर हमें अपमानित कर रहे हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा करके कोठी बनाने की शिकायत के बाद ये नपती की जा रही है। यदि ये कब्जा सरकारी जमीन पर पाया जाता है तो कोठी पर बुलडोजर चल सकता है। गोविंद सिंह ने कहा कि मैंने 1 इंच भी सरकारी जमीन या किसी दूसरे की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। गोविंद सिंह ने लहार विधायक अंबरिश शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता का मकान 80% सरकारी जमीन पर बना है। लहार में करीब 40% मकान सरकारी जमीन पर बने हैं। इस पर प्रशासन क्यों चुप है।

मेन रोड से नापी जाएगी कोठी 

पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के लहार स्थित कोठी के सीमांकन के लिए राजस्व विभाग की टीम ने पहले मढ़यापुरा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर से नपाई शुरू की। मेन रोड से कोठी नापी जाएगी। कोठी और आसपास के एरिया में दो सर्वे नंबर की तलाश की जाएगी। यह सर्वे नंबर सरकारी बताया जा रहा है। इन दोनों सर्वे नंबर को लेकर ही वार्ड 12 के रहने वाले जाटव समाज के लोगों ने शिकायत की थी कि कोठी सरकारी रास्ते पर कब्जा कर बनाई गई है।

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