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Photograph: (the sootr)
भोपाल के गोविंदपुरा तहसीलदार दिलीप चौरसिया की माफी की अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेशों में देरी करने पर कड़ी कार्रवाई की पुष्टि की। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की बेंच ने कहा, "दया का समय अब खत्म हो चुका है।"
“अब बदलाव यहीं से शुरू होगा” - HC
कोर्ट ने यह निर्णय उस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया, जिसमें तहसीलदार चौरसिया द्वारा 26 जून 2025 के आदेश में संशोधन की प्रार्थना की गई थी।
इस आदेश में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कलेक्टर भोपाल को तहसीलदार द्वारा कर्तव्य की उपेक्षा की जांच तीन माह में पूरी करने और लोकायुक्त को उनके आय से अधिक संपत्ति की जांच करने के निर्देश दिए थे।
हाईकोर्ट ने साफ किया कि तहसीलदार ने सरफेसी अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत 23 जुलाई 2024 को पारित आदेश का पालन आठ महीने तक नहीं किया।
जिससे यह साफ समझ आता है कि उन्होंने जानबूझकर और संभवतः भ्रष्टाचार में लिप्त होते हुए अपने कर्तव्य में लापरवाही बरती है। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अब बदलाव की शुरुआत इसी तहसीलदार से होगी।
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लोकायुक्त करें जांच और फिर FIR
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अगर लोकायुक्त जांच में यह पाया जाता है कि तहसीलदार की संपत्ति उनकी ज्ञात आय के अनुपात से अधिक है, तो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाए और पूरी जांच प्रक्रिया चलाई जाए।
राज्य की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता ने तहसीलदार के पक्ष में ‘दया’ की अपील की, लेकिन कोर्ट ने उसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि "जब एक लोक सेवक ने जानकर और भ्रष्ट कारणों से काम करने में चूक की है, तो उसे जवाबदेह ठहराया जाना ही न्याय है।" सरकारी कर्मचारी पर हाईकोर्ट सख्त है।
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इसी तहसीलदार से होगी सुधार की शुरुआत - HC
जस्टिस श्रीधरन ने आदेश में लिखा कि हाईकोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि इस तहसीलदार ने सरफेसी अधिनियम के तहत जारी आदेशों का कई मामलों में 3 सालों तक भी पालन नहीं किया है। इससे यह प्रतीत होता है कि वहां का तहसील कार्यालय आदेशों को मानने में या तो लापरवाह है या फिर बाहरी प्रभावों से प्रभावित है।
कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि, "यह मामला दिखाता है कि तहसीलदार अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का भी अनादर कर रहा है। ऐसे आचरण से सरफेसी अधिनियम के प्रावधानों की पूरी भावना कमजोर होती है।" कोर्ट ने यह भी कहा कि अब सुधार की शुरुआत इसी तहसीलदार दिलीप कुमार चौरसिया से होगी।
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