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BHOPAL. धान उपार्जन में घोटालों की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई और अनाज खरीद केंद्र भी गड़बड़ियों की शिकायतों से घिर गए हैं। सतना जिले की कोठी तहसील की सहकारी समिति बरहना में खासी धांधली हुई है। यहां समिति के कम्प्युटर ऑपरेटर ने पटवारी की मिलीभगत से एक गांव के आधे से ज्यादा किसानों के फर्जी पंजीयन कराए। केंद्र पर तुलाई शुरू होते ही इन किसानों के नाम से समर्थन मूल्य पर सैंकड़ों क्विटंल अनाज बेच दिया। पूरे के पूरे गांव के किसानों को भनक तक नहीं लगी और भुगतान भी हो गया। अब केंद्र पर अनाज गेहूं लेकर जा रहे किसानों को पहले से खरीद पर्ची दिखाकर वापस लौटाया जा रहा है।
ऐसे दिया फर्जीवाड़े को अंजाम
किसान रोहन मिश्रा के अनुसार सेवा सहकारी समिति बरहना के जरिए हर सीजन में किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेंचते हैं। इस वजह से समिति के कर्मचारियों के पास उनकी खेती से लेकर बैंक खातों तक की जानकारी है। इसी का फायदा उठाकर खरीफ सीजन की उपज की समर्थन मूल्य खरीदी में बड़ी धांधली की गई है। सहकारी समिति और राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने अंचल के अनाज व्यापारियों से मिलकर बाहर से गेंहू लाकर समर्थन मूल्य ठिकाना लगाया है। इसके लिए किसानों के रकबे पर फर्जी तरीके से पंजीयन कराए गए थे। वहीं किसानों के नाम से किए गए फर्जीवाड़े की भुगतान अन्य लोगों के बैंक खातों में किया गया है। यानी जमीन किसी की, अनाज कहीं से खरीद कर लाया और ठिकाने बरहना सेवा सहकारी समिति के एमएसपी केंद्र पर लगा दिया।
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किसानों ने सीएम से की शिकायत
किसानों के नाम पर समर्थन मूल्य के खरीद केंद्र पर हुए फर्जीवाड़े से नाराज किसानों ने सीएम डॉ.मोहन यादव से इसकी शिकायत की है। इसके लिए किसानों ने सहकारी समिति द्वारा किए गए फर्जी पंजीयन और अन्य दस्तावेज भी पेश किए हैं। किसान रोहन मिश्रा के अलावा राहुल मिश्रा, जानकीशरण मिश्रा, हनुमान शरण मिश्रा, अनिल सिंह, रमेश मिश्रा, शुभांगी मिश्रा और गांव के सैंकड़ा भर किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्हें पता ही नहीं चला और उनकी जमीन की बंदी के आधार पर पंजीयन कराते हुए समर्थन मूल्य केंद्र पर किसी और ने गेहूं बेच दिया। हैरत की बात ये है कि इस केंद्र का संचालन बरहना सेवा सहकारी समिति करती है और गांव के सैकड़ा भर किसानों को वे जानते-पहचानते भी हैं। फिर कैसे किसी और का गेहूं उनके पंजीयन पर तौलकर भुगतान कर दिया गया।
बाहरी अनाज खपाने का अंदेशा
समर्थन मूल्य के खरीद केंद्रों पर इससे पहले भी पड़ौसी राज्य से गेहूं -चना सस्ते दाम पर खरीदकर बेचने के मामले सामने आ चुके हैं। यानी मंडियों में खरीद करने वाले कुछ व्यापारी जिले की सीमा से सटे उत्तरप्रदेश से कम कीमत पर गेहूं खरीद लेते हैं और समितियों के कर्मचारियों से मिलकर समर्थन मूल्य पर बेंचते हैं। इससे व्यापारी और समिति के कर्मचारियों की भी कमाई हो रही है।
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कर्मचारी-व्यापारियों की साठगांठ
किसान रोहन मिश्रा का कहना है सेवा सहकारी समिति बरहना के अलावा किसानों की जमीन का रिकॉर्ड केवल राजस्व विभाग के कर्मचारी के पास होता है। यानी समिति प्रबंधक, कम्प्युटर ऑपरेटर और पटवारी ही इसके बारे में जानते हैं। किसान जब अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने का पंजीयन करते हैं तब भी ये डेटा इन्हीं कर्मचारियों के पास पहुंचता है। इसके बाद किसानों को केंद्र पर तुलाई के लिए तारीख दी जाती है। उनकी बंदी के आधार पर पंजीयन, गेहूं की उपज की तुलाई और भुगतान इनकी जानकारी के बिना संभव नहीं है। वहीं उनके पंजीयन पर तुलाई के बाद किए गए भुगतान व्यापारी और उनके लोगों के नाम पर हुए हैं। ऐसे में इनकी जांच कराते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए। जिससे सरकार की योजना का लाभ वास्तविक किसानों को मिल सके।
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किसानों रजिस्ट्रेशन पर हुआ खेल
सहकारी समिति के खरीद केंद्र पर किसानों के पंजीयन पर 1952 क्विटंल गेहूं, 644 क्विंटल चना, 877 क्विंटल धान की तुलाई कराई गई है। अनाज की यह तुलाई समिति के कम्प्युटर ऑपरेटर शैलेन्द्र सिंह, पटवारी अंबिका प्रसाद के अलावा रामकृष्ण, रोहित, मोहित, गिरजादेवी और बालकृष्ण द्विवेदी के नाम पर हुई है। इसके बदले में प्राथमिक रूप से 60 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। यानी किसानों के पंजीयन पर बिचौलियों से अनाज खरीदकर उन्हें यह राशि दे दी गई। जिससे वास्तविक किसानों को नुकसान हुआ है।
धान खरीद में भी हुआ ऐसा ही खेल
सतना जिले में बीते सीजन में धान खरीद में भी समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर जमकर फर्जीवाड़ा हुआ था। जिले में करोड़ों रुपए का धान केंद्रों पर खरीदा गया और रिकॉर्ड पर दर्ज होने के बाद वेयरहाउसों से गायब हो गया। इन मामलों में पुलिस अब भी पड़ताल कर रही है। वहीं साल 2024 में गेहूं की खरीदी में 93 लाख की धांधली सामने आई थी। तब 19 फर्जी किसानों के नाम पर पंजीयन कराते हुए केंद्र पर तुलाई के बाद 93 लाख का भुगतान किया गया था। जिले के कारीगोही खरीदी केंद्र पर यह हेरफेर हुआ था।