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MP के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों के पदों में कई रिक्तियां बनी हुई हैं, जिससे शिक्षा में समस्या आ रही है। इसे दूर करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए समय-सारणी जारी की है। यह कदम कक्षाओं की सामान्य गति बनाए रखने और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उच्च शिक्षा विभाग का कदम
उच्च शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो। इसके लिए विभाग ने जिलों से यह जानकारी ली है कि किस कालेज में किस विषय में अतिथि विद्वान की आवश्यकता है। इससे विभाग को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सभी कक्षाओं का संचालन सही तरीके से हो सके।
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12 से 17 अगस्त तक विकल्प भरने का अवसर
इस प्रक्रिया में मुख्य तारीखें 12 से 17 अगस्त तक हैं, जब अतिथि विद्वान अपने विकल्प भर सकते हैं। आवेदन करने के बाद, वरीयता के आधार पर 19 अगस्त को कालेज आवंटित किए जाएंगे। अतिथि विद्वान को 22 अगस्त तक कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा। इसके बाद, 23 अगस्त तक उन्हें पोर्टल पर अपनी जॉइनिंग दर्ज करानी होगी।
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अस्थायी नियुक्ति की प्रकृति
यह नियुक्ति अस्थायी होगी, क्योंकि कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। अतिथि विद्वानों को यह स्पष्ट किया गया है कि अगर भर्ती प्रक्रिया के बाद किसी पद पर स्थायी नियुक्ति होती है, तो उन्हें उस स्थान से हटना होगा। अतिथि विद्वान केवल अस्थायी रूप से कार्य करेंगे, जब तक नियमित फैकल्टी पदों पर नियुक्ति नहीं हो जाती।
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5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेज में सहायक प्राध्यापकों के पदों में कई रिक्तियां हैं, जिसके कारण शिक्षा में व्यवधान हो रहा है। इसे सुधारने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए समय-सारणी जारी की है। 👉उच्च शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए जिलों से जानकारी ली कि किस कालेज में किस विषय में अतिथि विद्वान की आवश्यकता है, ताकि शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो और कक्षाएं सामान्य गति से चल सकें। 👉अतिथि विद्वान अपने विकल्प 12 से 17 अगस्त तक भर सकते हैं। इसके बाद, वरीयता के आधार पर 19 अगस्त को कालेज आवंटित किए जाएंगे। कार्यभार 22 अगस्त तक ग्रहण करना अनिवार्य होगा और जॉइनिंग 23 अगस्त तक पोर्टल पर दर्ज करानी होगी। 👉अतिथि विद्वान की नियुक्ति अस्थायी होगी क्योंकि सहायक प्राध्यापकों के पदों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। अगर किसी पद पर स्थायी नियुक्ति होती है तो अतिथि विद्वान को हटना होगा। 👉 अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रांताध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने कहा कि रिक्त पदों को पोर्टल पर समय पर अपडेट नहीं किया गया है, और इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जानी चाहिए। |
अतिथि विद्वान की कार्यशैली
अतिथि विद्वान की नियुक्ति अस्थायी है, लेकिन इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को बिना किसी व्यवधान के शिक्षा प्राप्त हो सके। इसके लिए कॉलेजों को जल्द से जल्द अपनी प्रक्रिया पूरी करने और 22 अगस्त तक कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया है।
हजारों पदों को अपडेट नहीं किया गया
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रांताध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने कहा कि लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आदेशानुसार रिक्त पदों को पोर्टल पर संस्था प्रभारियों द्वारा अपडेट किया जाना था। हालांकि, अभी भी हजारों पदों को समय पर अपडेट नहीं किया गया है। इन पदों पर महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों की तरह भर्ती प्रक्रिया की जाए।
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