धराली हादसाः एमपी के 21 पयर्टकों का रेस्क्यू, 60 के मलबे में दबे होने की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन मेें लगेंगे अभी 4 दिन

उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को हुई आपदा के कारण 80 एकड़ के इलाके में मलबे का ढेर जमा हो गया। इस त्रासदी में 60 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हुए हो सकते हैं। मप्र के 21 लोगों सहित 70 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को आई आपदा के कारण 80 एकड़ के इलाके में मलबे का ढेर जमा हो गया। इस त्रासदी में 60 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हुए हो सकते हैं। बाढ़ के साथ आए मलबे ने गांव को तहस-नहस कर दिया था और अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 70 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

राहत कार्यों में देरी हो रही है और इसमें 4 दिन और लग सकते हैं। गुरुवार शाम को मध्यप्रदेश के 21 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इधर महाराष्ट्र के 151 लोग अभी भी धराली में फंसे बताए जा रहे है।

मलबे के कारण राहत कार्य में देरी

धराली गांव में मलबा 20 से 50 फीट की ऊंचाई तक फैला हुआ है। इस विशाल मलबे को हटाने के लिए केवल 3 जेसीबी मशीनें उपलब्ध हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए हाईटेक थर्मल सेंसिंग उपकरण और बड़ी मशीनों की जरूरत है, लेकिन यह सामग्री 60 किलोमीटर दूर भटवाड़ी में फंसी हुई है। 

धराली तक सड़क खोलने में लगेंगे 4 दिन

धराली तक पहुंचने के लिए एक ही सड़क है जो उत्तरकाशी से गंगोत्री तक जाती है। इस सड़क पर बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण कई स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध हो गया है। हर्षिल से धराली तक 3 किलोमीटर की सड़क चार स्थानों पर पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। इसके अलावा, भटवाड़ी से हर्षिल तक तीन स्थानों पर भूस्खलन हुआ है और एक पुल भी टूट गया है, जिससे राहत कार्य में बाधा आ रही है। अधिकारियों के अनुसार, धराली तक सड़क खोलने में 3-4 दिन और लग सकते हैं। 

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धराली हादसा: खुशहाल गांव तबाही का शिकार

धराली गांव में 5 अगस्त को दोपहर बाद अचानक बादल फटने से खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई थी। तेज रफ्तार पानी और मलबे के साथ आई इस प्राकृतिक आपदा ने धराली गांव को महज 34 सेकंड में जमींदोज कर दिया। इसके बाद से लगातार राहत और बचाव कार्य चल रहे हैं। अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और 70 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। 

धराली हादसे और रेस्क्यू आपरेशन को ऐसे समझें इन शार्ट में  

धराली त्रासदी में 60 से ज्यादा लोग लापता: उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने से आई बाढ़ ने गांव को जमींदोज कर दिया, जिसमें 60 से ज्यादा लोग मलबे में दबने की आशंका है।

मलबे के हटाने में 4 दिन और लगेंगे: मलबे का फैलाव 80 एकड़ में हुआ है, और इसे हटाने के लिए 3 जेसीबी मशीनें उपलब्ध हैं। राहत कार्य में 4 दिन और लग सकते हैं।

भूस्खलन और सड़क बंद होने से राहत में देरी: धराली तक पहुंचने वाली सड़क पर भूस्खलन और टूटे पुलों के कारण मार्ग अवरुद्ध है, जिससे राहत सामग्री और उपकरण पहुंचाने में देरी हो रही है।

महाराष्ट्र के 151 पर्यटक फंसे, 31 लापता: धराली हादसे में महाराष्ट्र के 151 पर्यटक फंसे हैं, जिनमें से 120 से अधिक से संपर्क हो चुका है, जबकि 31 अब तक लापता हैं।

सेना और NDRF द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन: सेना और NDRF की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन मलबे और उपकरणों की कमी राहत कार्यों को चुनौतीपूर्ण बना रही है।

राहत कार्यों में आ रही मुश्किलें 

राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं, क्योंकि मलबे के नीचे दबे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की आवश्यकता है, जो अभी उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा, मार्ग अवरुद्ध होने के कारण घटनास्थल तक राहत सामग्री पहुंचाना भी चुनौतीपूर्ण हो रहा है। इसके बावजूद, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) की टीमें हर संभव प्रयास कर रही हैं। 

महाराष्ट्र के 151 पर्यटक फंसे,एमपी के 21 का रेस्क्यू

धराली हादसे के बाद, 151 महाराष्ट्र के पर्यटक वहां फंस गए हैं। राज्य सरकार के अनुसार, अब तक 120 पर्यटकों से संपर्क हो चुका है और वे एक सुरक्षित शिविर में हैं। 31 पर्यटकों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद, भूस्खलन और बाढ़ के कारण रास्ते बंद हैं, जिससे समय पर मदद नहीं मिल पा रही है।

मध्यप्रदेश के 21 लोग भी धराली हादसे में फंसे थे, जिन्हें भारतीय सेना और NDRF ने रेस्क्यू किया। कुल 307 पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के जरिए निकाला गया है। इन पर्यटकों में से 131 गुजरात, 123 महाराष्ट्र, 21 मध्यप्रदेश, 12 उत्तरप्रदेश, और 6 राजस्थान के लोग शामिल हैं। 

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प्रशासन की स्थिति और रेस्क्यू कार्य

एसडीआरएफ कमांडर अर्पण यदुवंशी और आईजी अरुण मोहन जोशी के अनुसार, धराली में मलबे की ऊंचाई 20 से 60 फीट तक है। इसके नीचे दबे हुए लोगों को निकालने का कार्य शुरू नहीं हो सका है। फिलहाल राहत कार्यों के लिए जरूरी संसाधनों की कमी का सामना किया जा रहा है, जबकि 250 से 300 सैन्यकर्मी और अन्य जवान इस मिशन में जुटे हुए हैं।

सेना की मदद

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि 5 अगस्त को बादल फटने के बाद, जवान 15 से 20 मिनट में घटनास्थल तक पहुंच गए थे। हालांकि, राहत कार्य में मशीनों की कमी के कारण मुश्किलें आ रही हैं। फिलहाल, सैनिक अपने मौजूदा संसाधनों से काम चला रहे हैं, और उनका लक्ष्य एक सप्ताह के भीतर सभी फंसे हुए लोगों को बचाना है। 

FAQ

धराली त्रासदी में कितने लोग लापता हैं?
धराली त्रासदी में लगभग 60 से अधिक लोग लापता हैं, जो मलबे में दबे हो सकते हैं। राहत कार्य में देरी हो रही है क्योंकि मलबे का फैलाव काफी ज्यादा है और आवश्यक उपकरण भी दूर हैं।
धराली में राहत कार्य में देरी क्यों हो रही है?
धराली में राहत कार्य में देरी का मुख्य कारण मलबे के विशाल फैलाव के साथ-साथ सड़क अवरुद्ध होना है। इसके अलावा, अत्याधुनिक उपकरणों की कमी और रास्ते की बाधाएं राहत कार्यों को और भी कठिन बना रही हैं।
धराली में फंसे पर्यटकों की स्थिति क्या है?
धराली में 151 पर्यटक फंसे हुए थे, जिनमें से 120 से अधिक से संपर्क हो चुका है और वे सुरक्षित हैं। 31 पर्यटकों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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