गेस्ट टीचर्स को सरकार ने दी सैलरी काटने की धमकी, नहीं लगा रहे ई-अटेंडेंस

मध्यप्रदेश में गेस्ट टीचर्स के ई-अटेंडेंस न लगाने पर शिक्षा विभाग ने अब सैलरी रोकने की चेतावनी दी है। गेस्ट टीचर्स के लिए मोबाइल ऐप ‘हमारे शिक्षक’ से अटेंडेंस अनिवार्य की गई थी। प्रदेशभर मेें सभी टीचर्स के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया गया है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल बनाने की दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक अहम कदम उठाया। गेस्ट टीचर्स के लिए मोबाइल ऐप 'हमारे शिक्षक' के जरिए अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई। इसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में तकनीकी सुधार लाना और शिक्षक की उपस्थिति को बेहतर तरीके से ट्रैक करना था।

हालांकि, यह कदम कुछ विवादों का कारण बन गया है। शिक्षकों के साथ-साथ गेस्ट टीचर्स को भी यह नई व्यवस्था पच नहीं रही है। ई-अटेंडेंस दर्ज करने में गेस्ट टीचर्स की रुचि कम दिख रही है, और वे इसे अपनाने में हिचकिचा रहे हैं।

अब शिक्षा विभाग ऐसे टीचर्स के खिलाफ कठोर कदम उठाने की योजना बना रहा है। उनकी सैलरी काटने की तैयारी की जा रही है। इससे यह साफ हो गया है कि विभाग इस डिजिटल पहल को सफल बनाने के लिए किसी भी नकारात्मक रुख को बर्दाश्त नहीं करेगा।

18 जुलाई से होगी वेतन में कटौती

शिक्षा विभाग ने गेस्ट टीचर्स के लिए अटेंडेंस को लेकर एक कड़ा आदेश जारी किया है। 18 जुलाई से गेस्ट टीचर्स के लिए मोबाइल ऐप ‘हमारे शिक्षक’ से अटेंडेंस दर्ज न करने पर उनका वेतन रोका जा सकता है। यह व्यवस्था जुलाई के पहले पंद्रेह दिनों में ही विफल साबित हो चुकी है, और अब विभाग ने अपनी नीति को कड़ा किया है।

शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह 18 जुलाई के बाद अटेंडेंस न लगाने वाले गेस्ट टीचर्स को अनुपस्थित मानें और उनका मानदेय रोक लें। 

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अतिथि शिक्षकों ने प्रारंभ किया विरोध 

गेस्ट टीचर्स ने ई-अटेंडेंस( E Attendance) व्यवस्था को लेकर विभाग के खिलाफ विरोध प्रारंभ कर दिया है। इन अतिथि शिक्षकों का कहना है कि जब तक उन्हें छुटटी,अवकाश और अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती, तब तक वे मोबाइल ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करेंगे। 

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि सिर्फ ऐप से उपस्थिति की जांच पूरी नहीं हो सकती है, इस व्यवस्था में कई तकनीकी समस्याएं व खामियां है। 

ऐसे समझें विरोध और सरकार की तैयारी का यह पूरा खेल 

ई-अटेंडेंस अनिवार्य: मध्यप्रदेश में गेस्ट टीचर्स के लिए 'हमारे शिक्षक' ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया गया है।

वेतन में कटौती: 18 जुलाई से जिन गेस्ट टीचर्स ने ई-अटेंडेंस नहीं लगाई, उनका वेतन रोकने की चेतावनी दी गई है।

गेस्ट टीचर्स का विरोध: गेस्ट टीचर्स ने अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर ई-अटेंडेंस के खिलाफ विरोध शुरू किया है।

डिंडोरी में बेहतर प्रदर्शन: डिंडोरी जिले में 57% गेस्ट टीचर्स ने ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की, जबकि अन्य जिलों में स्थिति खराब रही।

तकनीकी समस्याएं और समाधान: गेस्ट टीचर्स को ऐप उपयोग में तकनीकी समस्याएं आ रही हैं, जिसे हल करने के लिए विभाग को प्रशिक्षण और सपोर्ट प्रदान करने की आवश्यकता है।

 

80 प्रतिशत ने नहीं लगाई ई-अटेंडेंस 

शिक्षा विभाग ने इसी सत्र से अतिथि शिक्षकों के लिए मोबाइल ऐप हमारे शिक्षक द्वारा उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया है। लेकिन इस नई व्यवस्था को लेकर न केवल नियमित शिक्षक बल्कि अतिथि शिक्षकों ने भी कोई खास रूचि नहीं दिखाई। जुलाई महीने के पहले 15 दिनों में प्रदेश के 80 प्रतिशत गेस्ट टीचर्स ने ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं की है। जिससे शिक्षा विभाग व राज्य सरकार दोनों नाराज हैं। 

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डिंडोरी सबसे आगे, अनूपपुर अंतिम

प्रदेश के 55 जिलोें में बीते एक पखवाडे़ के ई-अटेंडेंस के आंकडे़ जारी किए गए है। इन आंकड़ों में डिंडोरी जिला सबसे आगे है, यहां 57 प्रतिशत अतिथि शिक्षकों ने मोबाइल ऐप हमारे शिक्षक पर उपस्थिति दर्ज करवाई है। इस सूची में दूसरे नंबर पर झाबुआ 48 प्रतिशत, खरगोन में 45 तथा नरसिंहपुर व शहडोल में 44-44 प्रतिशत अटेंडेंस दर्ज हुई है।

इस सूची में अनूपपुर जिला सबसे पीछे रह गया है, यहां एक भी अतिथि शिक्षक ने उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई है, इसी प्रकार निवाड़ी और अलीराजपुर में मात्र 7-7 प्रतिशत व मउगंज और हरदा में 8-8 प्रतिशत ही उपस्थिति दर्ज करवाई गई।  

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