महाकाल मंदिर में इस बार नहीं उड़ेगा रंग गुलाल, समिति ने लिया बड़ा फैसला

उज्जैन महाकाल मंदिर में इस बार होली पर रंग गुलाल नहीं उड़ाया जाएगा। समिति इस बार भगवान को भी थोड़ा ही गुलाल लगाएगी। इसके साथ ही भक्तों को भी मंदिर परिसर में होली खेलने की अनुमति नहीं होगी।

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Rohit Sahu
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उज्जैन के महाकाल मंदिर में होली और रंगपंचमी के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इस वर्ष, मंदिर प्रशासन ने कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। भगवान महाकाल पर बहुत अधिक गुलाल नहीं लगाई जाएगी। उन्हें प्रतीकात्मक (थोड़ी मात्रा में) गुलाल लगाया जाएगा। इसके अलावा भक्तों को भी मंदिर परिसर में होली खेलने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी भक्त को रंग या गुलाल लेकर मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

महाकाल को लगाया जाएगा खास रंग 

महाकाल मंदिर में इस बार होली धुरेड़ी और रंगपंचमी का त्योहार थोड़ा अलग तरीके से मनाया जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पुजारी भगवान महाकाल को प्रतीकात्मक हर्बल गुलाल और एक लोटा केसर से बना रंग अर्पित करेंगे। 

मंदिर में रंगों का खेल नहीं होगा

इस बार मंदिर में रंगों का खेल नहीं होगा, बल्कि केवल परंपरा का पालन किया जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। समिति ने रंगोत्सव के दौरान रंग और गुलाल के अत्यधिक उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और साथ ही मंदिर परिसर में होली खेलने पर भी रोक लगा दी है, जिसमें नंदी, गणेश और कार्तिकेय मंडपम भी शामिल हैं।

पिछले साल हुई थी दुर्घटना

महाकाल मंदिर में पिछले साल धुरेड़ी के दौरान एक बड़ी दुर्घटना हुई थी। तब केमिकल गुलाल के कारण गर्भगृह में आग लग गई थी। इस घटना में कई लोग घायल हुए थे और एक सेवक की मौत भी हो गई थी। इस बार मंदिर समिति ने इस घटना से सबक लेते हुए रंग गुलाल के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। धुरेड़ी और रंगपंचमी पर भगवान महाकाल को केवल हर्बल गुलाल और एक लोटा रंग अर्पित किया जाएगा। सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी और किसी को भी कलर लेकर मंदिर में आने की अनुमति नहीं होगी।

होली के दिन महाकाल मंदिर में विशेष व्यवस्था

  • होली के दिनों में विशेष आयोजन: भस्म आरती, संध्या आरती और शयन आरती में भगवान को प्रतीकात्मक रूप से शुद्ध और हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा।
  • गुलाल और रंगों पर बैन: धुरेड़ी और रंगपंचमी दोनों दिन नंदी, गणेश और कार्तिकेय मंडपम के साथ संपूर्ण परिसर में होली खेलने पर प्रतिबंध रहेगा।
  • जांच के बाद ही प्रवेश: पुजारी, पुरोहित, कर्मचारी और भक्त अपने साथ रंग और गुलाल लेकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
  • कैमरों से होगी निगरानी:धुरेड़ी और रंगपंचमी पर पूरे समय चप्पे-चप्पे पर कैमरों से निगरानी रखी जाएगी।
    एंट्री गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी कड़ी जांच पड़ताल के बाद भी उक्त सभी व्यक्तियों को प्रवेश देंगे।

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