महाकाल मंदिर में फिर हुई नियमों की अनदेखी, अरबपति कल्याणी ने पत्नी संग किया गर्भगृह में पूजन

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में बिना अनुमति के प्रवेश करने का विवाद एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है, जिसमें अरबपति कारोबारी बाबा नीलकंठ कल्याणी और उनकी पत्नी शामिल हैं।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर, जो अपनी धार्मिक महिमा और पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है, उसमें प्रवेश के नियमों का उल्लंघन एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, सोमवार ( 10 मार्च) दोपहर को, कल्याणी समूह के प्रमुख अरबपति व्यवसायी बाबा साहेब नीलकंठ कल्याणी और उनकी पत्नी ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में बिना अनुमति के प्रवेश किया। इसके साथ ही उन्होंने करीब 10 मिनट तक पूजा-अर्चना की। इस घटना के बाद महाकाल मंदिर में प्रशासनिक हलचल मच गई और अधिकारियों ने जांच शुरू कहर दी।

गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति संबंधी नियम

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में किसी भी श्रद्धालु के प्रवेश पर करीब डेढ़ साल से रोक लगी हुई है। केवल पंडितों, पुजारियों, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, और अतिविशिष्ट व्यक्तियों को ही अनुमति मिलती है। इस समय तक, अन्य श्रद्धालु केवल शिवलिंग से 50 फीट दूर से दर्शन कर सकते हैं।

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बाबा नीलकंठ कल्याणी का बिना अनुमति प्रवेश

बाबा नीलकंठ कल्याणी और उनकी पत्नी ने बिना अनुमति के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया। इस दौरान, दोनों ने उत्तम स्वामी महाराज के साथ पूजा की, और मंदिर प्रशासन को घटना का पता चलते ही हड़बड़ी में जांच शुरू की। कुछ देर बाद पता चला कि बाबा नीलकंठ कल्याणी का नाम गलतफहमी में पुजारियों द्वारा स्वीकार लिया गया था, क्योंकि उनका नाम "बाबा कल्याणी" था, जो एक धार्मिक गुरु जैसा प्रतीत होता है।

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प्रशासन की प्रतिक्रिया

महाकाल मंदिर के प्रशासक प्रथम कौशिक ने कहा कि दोनों ने परमिशन से गर्भगृह में प्रवेश किया था। हालांकि, मंदिर प्रशासन और कलेक्टर नीरज सिंह ने इसे एक गफलत मानते हुए बताया कि बाबा कल्याणी का नाम पुजारियों द्वारा धार्मिक कारणों से गलत तरीके से लिया गया था। इसके बावजूद, इस घटना के बाद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई और प्रशासन ने दिन भर मामले को दबाने की कोशिश की।

गर्भगृह में वीआईपी पर हो प्रतिबंध

वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि उज्जैन के गंगाघाट पर आयोजित आराधना पर्व में शामिल होने आए हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में वीआईपी लोगों को प्रवेश नहीं मिलना चाहिए। जैसे दक्षिण भारत के मंदिरों में केवल पुजारियों को प्रवेश की अनुमति होती है, वैसे ही यहां भी यही नियम होना चाहिए।

कब-कब टूटा नियम ?

  • 12 मार्च 2023: रंगपंचमी पर बीजेपी नेता गोलू शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे थे।

  • 5 अप्रैल 2023: बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला ने गर्भगृह में पूजा की थी।

  • 1 दिसंबर 2023: शहर के दो एडिशनल एसपी जयंत राठौर और गुरुप्रसाद पाराशर ने सोला पहनकर गर्भगृह में प्रवेश किया और पूजा की।

  • 8 जुलाई 2024: बीजेपी के प्रदेश संगठन प्रभारी महेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने गर्भगृह में महाकालेश्वर की पूजा की थी।

  • 10 अगस्त 2024: उज्जैन उत्तर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने अपने जन्मदिन पर सराफा मंडल अध्यक्ष अजय तिवारी को लेकर गर्भगृह में पूजन किया।

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