उज्जैन में 'पुष्पा' वाले लाल चंदन की खेती, सिंहस्थ में महाकाल के अभिषेक के लिए तैयार

मध्य प्रदेश के उज्जैन में वन विभाग द्वारा 600 चंदन के पौधे लगाए गए हैं। यह पहल चंदन की खेती को बढ़ावा देने और सिंहस्थ 2028 के लिए तैयार की जा रही है।

author-image
Raj Singh
एडिट
New Update
MAHAKAL
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

पुष्पा फिल्म में जिस लाल चंदन की तस्करी की कहानी ने देशभर में हलचल मचाई थी, वही चंदन अब उज्जैन की धरती पर लहलहा रहा है। फिल्म के जरिए जब इस कीमती और दुर्लभ लकड़ी की तस्करी और उसकी कीमत को दर्शाया गया था, तो यह विषय लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया। लेकिन अब, यही लाल चंदन उज्जैन में वन विभाग की एक पहल के तहत उगाया जा रहा है। 2022 में वन विभाग ने उज्जैन के उदयन रोड पर 1.74 हेक्टेयर भूमि पर चंदन के 600 पौधे लगाए थे, जिनकी ऊंचाई अब 6 से 7 फीट तक पहुंच चुकी है। इस चंदन वन का उद्देश्य न केवल चंदन की खेती को बढ़ावा देना है, बल्कि यह भविष्य में धार्मिक और औद्योगिक उपयोग के लिए भी तैयार किया जा रहा है।

लाल चंदन और उसकी खेती का महत्व

लाल चंदन (Red Sandalwood) एक अत्यधिक मूल्यवान पौधा है जो आमतौर पर आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के जंगलों में पाया जाता है। यह पेड़ अपनी औषधीय विशेषताओं और लकड़ी के लिए प्रसिद्ध है, जो कई उद्योगों में उपयोग की जाती है। चंदन की लकड़ी के लिए यह पौधा अक्सर तस्करी का शिकार होता है, जिसके कारण इसकी आबादी घटती जा रही है।

उज्जैन में चंदन की खेती को बढ़ावा देने के लिए, वन विभाग ने यह पहल शुरू की। यहां, चंदन के पौधे खासतौर पर किसानों को चंदन की खेती में आकर्षित करने के उद्देश्य से लगाए गए थे।

ये भी खबर पढ़े...  राम मंदिर में भक्तों को नहीं लगेगा चंदन, चरणामृत देने पर भी पाबंदी, ट्रस्ट ने लिया फैसला

चंदन के पौधों की देखभाल और उगाने की प्रक्रिया

चंदन के पौधे उगाने के लिए विशेष ध्यान और सही प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है। उज्जैन के विक्रमनगर रोड पर वन भूमि का चयन किया गया। यहां पहले भूमि की जुताई कर समतल किया गया, और फिर एक महीने तक उसे खुले में छोड़ दिया गया ताकि मिट्टी तैयार हो सके। इसके बाद, पौधे लगाने के लिए 2 बाय 2 मीटर के गड्ढे बनाए गए, और इन गड्ढों में लाल तुंवर की बुवाई की गई।

इसके बाद, इन पौधों के अच्छे विकास के लिए नीम खली, केंचुआ खाद और जीवा अमृत का इस्तेमाल किया गया, जो गुड़, गौमूत्र, और बेसन से तैयार किया गया था।

ये भी खबर पढ़े... नीमच में 40 लाख की 270 किलो चंदन की लकड़ी जब्त, 2 तस्करों को किया गिरफ्तार

सिंहस्थ 2028 के लिए विशेष तैयारी

दरअसल, उज्जैन के चंदन बगीचे का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है- सिंहस्थ 2028 के लिए चंदन का उपयोग। इस समय भगवान महाकालेश्वर का अभिषेक और अन्य धार्मिक कार्यों में चंदन का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए लाल और सफेद दोनों प्रकार के चंदन के पौधे लगाए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चंदन सिंहस्थ के समय तैयार हो सके। साथ ही, साधु-संतों को तिलक लगाने के लिए भी इसका इस्तेमाल होगा, जिससे यह पवित्र और ऐतिहासिक क्षण बन जाएगा। इस पहल से न सिर्फ उज्जैन के कृषि क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों की समृद्धि में भी वृद्धि होगी।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

MP News उज्जैन न्यूज MP उज्जैन सिंहस्थ मेला मध्य प्रदेश महाकाल मध्य प्रदेश समाचार चंदन सिंहस्थ 2028 उज्जैन सिंहस्थ सिंहस्थ