उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर देश का पहला ज्योतिर्लिंग बनेगा, जहां आधुनिक मैपिंग की व्यवस्था की जाएगी। अब श्रद्धालु बिना किसी कर्मचारी या सुरक्षा गार्ड की मदद के ही यह जान सकेंगे कि वे कहां खड़े हैं, दर्शन के लिए कौन सी दिशा अपनानी होगी, लड्डू प्रसाद और दूसरी सेवाएं कहां उपलब्ध होंगी।
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श्रद्धालुओं को नहीं लेनी पड़ेगी किसी की मदद
अब श्रद्धालु जान सकेंगे कि वे कहां खड़े हैं, दर्शन के लिए किस दिशा (Direction) में जाना है, दर्शन में कितना समय लगेगा, जूता स्टैंड, क्लॉक रूम और लड्डू प्रसाद कहां मिलेगा और बाहर निकलने का रास्ता (Exit) कहां होगा। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, 40 से 50 जगहों पर इस तरह के दिशा दिखाने वाले बोर्ड लगाए जाएंगे।
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स्थायी और अस्थायी मैपिंग की जाएगी
मंदिर के प्रशासक, प्रथम कौशिक ने कहा कि इस व्यवस्था के लिए दो प्रकार की मैपिंग की योजना है। अस्थायी मैपिंग खास अवसरों जैसे पर्व, त्योहार, उत्सव, नववर्ष, और श्रावण माह के सोमवार के लिए होगी। वहीं, स्थायी व्यवस्था इन दिनों के अलावा बाकी समय लागू रहेगी।
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फीडबैक के आधार पर भविष्य में होगा सुधार
स्थायी और अस्थायी मैपिंग व्यवस्था के लिए महाकाल लोक के आर्किटेक्ट, नितिन श्रीमाली की मदद ली जा रही है। इस व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं के अनुभव और फीडबैक के आधार पर भविष्य में सुधार किया जाएगा।
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