देवा पारदी मौत मामला: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद SIT होगी गठित, फरार पुलिस अफसरों की तलाश तेज

देवा पारदी मौत मामले में तेजी देखने को मिला है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब पूरे मामले को लेकर एसआईटी गठित होगी। वहीं, फरार पुलिस अफसरों की भी तलाश तेज कर दी गई है।

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Dablu Kumar
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मध्यप्रदेश के गुना जिले में 15 जुलाई 2024 को पुलिस हिरासत में 25 वर्षीय देवा पारदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पूरे मामले ने जबरदस्त तूल पकड़ा था। अब एक बार फिर इस मामले में तेजी देखने को मिल रही है। साथ ही, जल्द मामले को लेकर एसआईटी का गठन होगा।

सीबीआई भी मामले की कर रही है जांच

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने फरार दो पुलिस अधिकारियों तत्कालीन म्याना थाने के इंस्पेक्टर संजीव मावई (संजीत सिंह मावई) और एएसआई उत्तम सिंह कुशवाहा पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।

इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए गए हैं और उन्हें प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया गया है।

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 देवा पारदी मौत मामले वाली खबर पर एक नजर 

  • मध्य प्रदेश के गुना जिले में 15 जुलाई 2024 को पुलिस हिरासत में 25 वर्षीय देवा पारदी की संदिग्ध मौत के मामले में नया मोड़ आया है।

  • सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद CBI ने फरार दो पुलिस अधिकारियों—इंस्पेक्टर संजीव मावई और एएसआई उत्तम सिंह पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।

  • दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं और उन्हें 'प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर' घोषित किया गया है।

  • ग्वालियर रेंज के आईजी अरविंद सक्सेना ने SIT गठित करने का निर्णय लिया, जो फरार पुलिसकर्मियों की तलाश पर फोकस करेगी।

  • देवा पारदी की हिरासत में मौत के बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हृदयाघात का कारण बताया गया, लेकिन शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए, जिससे परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया।

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सर्च ऑपरेशन जारी 

इस बीच, ग्वालियर रेंज के आईजी अरविंद सक्सेना ने विशेष जांच दल (SIT) बनाने का निर्णय लिया है। आईजी ने ग्वालियर, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) से SIT के लिए अधिकारियों के नाम मांगे हैं। सूत्रों के अनुसार, आईजी आज ही SIT का गठन कर सकते हैं। यह SIT विशेष रूप से फरार चल रहे इनामी पुलिसकर्मियों की खोज पर ध्यान केंद्रित करेगी। मध्य प्रदेश पुलिस भी इस संदर्भ में अपनी खोजबीन अभियान को तेज कर रही है।

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देवा पारदी केस के बारे में जानें 

देवा पारदी बीलाखेड़ी गांव के निवासी थे और उनकी उम्र केवल 25 वर्ष थी। 15 जुलाई 2024 को गुना शहर के गोकुल सिंह चौक से उनकी बारात रवाना होने वाली थी। करीब शाम 4:30 बजे म्याना थाने की पुलिस गांव पहुंची और चोरी के एक मामले में पूछताछ के नाम पर देवा और उनके चाचा गंगाराम पारदी को बारात के ट्रैक्टर से ही हिरासत में ले लिया।

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आरोपी की हिरासत में मौत पर पुलिस का मत

पुलिस का कहना था कि देवा पर पहले से चोरी, लूट और हत्या के प्रयास जैसे सात आपराधिक मामले दर्ज थे। 16 जुलाई को देवा के परिजनों को गुना जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी युवक का शव पोस्टमॉर्टम रूम में रखा हुआ है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि शव देवा का था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हृदयाघात को मौत का कारण बताया गया, लेकिन शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि म्याना थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजीव मावई और एएसआई उत्तम सिंह ने देवा की हत्या की थी। पुलिस ने अपनी तरफ से दावा किया कि पूछताछ के दौरान देवा की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।

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