ग्वालियर में 2.53 करोड़ की ठगी के तार दिल्ली से जुड़े, पहले बैंककर्मी अब 3 छात्र गिरफ्तार

ग्वालियर पुलिस की SIT ने 2.53 करोड़ रुपए की साइबर ठगी का पर्दाफाश करते हुए अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके तार उज्जैन प्रयागराज और दिल्ली तक जुड़े हुए मिले हैं।

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Rohit Sahu
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17 मार्च 2025 को ग्वालियर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बताते हुए स्वामी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया और गिरफ्तारी की धमकी दी। भयभीत स्वामी ने ठगों के बताए खातों में 2.53 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए। अब तक इस मामले में 9 लोग गिरफ्तार हुए हैं। जिसमें कुछ बैंक कर्मियों का नाम भी शामिल है।

दिल्ली में पढ़ने वाला छात्र ने 5 हजार में बेचा खाता

रामकृष्ण आश्रम के सचिव के साथ हुई इस ठगी की जांच के दौरान चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि दिल्ली में पढ़ाई कर रहे एक बीबीए छात्र ने महज 5 हजार रुपए मासिक किराए पर अपना बैंक खाता ठगों को सौंप दिया था। उसके खाते में 5.30 लाख रुपए ट्रांसफर हुए थे।

चंद्र विहार से पकड़े गए तीन छात्र

ग्वालियर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई के दौरान दिल्ली के चंद्र विहार से वर्धमान उर्फ उज्ज्वल, दीपांशु मौर्य और गुरजीत सिंह को गिरफ्तार किया। वर्धमान के खाते में 5 लाख रुपए आए, जिसमें से 2.80 लाख गुरजीत के खाते में ट्रांसफर हुए। पूछताछ में वर्धमान ने बताया कि उसे 40 हजार रुपए कमीशन मिलना था, लेकिन बिचौलिया नवीन शर्मा ने उसे नहीं दिया। नवीन शर्मा वर्तमान में अंबाला जेल में बंद है।

उज्जैन से पकड़े गए 6 आरोपी बैंककर्मी भी शामिल

SIT ने नागदा (उज्जैन) से छह लोगों को पकड़ा। इनमें सब्जी विक्रेता राहुल कहार, बैंक कर्मचारी तुषार गोमे, किशोर विनाज्ञा, शुभम सिंह राठौर, रतलाम निवासी विश्वजीत बर्मन और बंधन बैंक की महिला कैशियर काजल जैसवाल शामिल हैं।

प्रयागराज और दिल्ली के खातों में करोड़ों का ट्रांजैक्शन

जांच में सामने आया कि ठगी की रकम (साइबर फ्रॉड) तीन अलग-अलग बैंक खातों में बंटी। प्रयागराज के इंडसइंड बैंक खाते में 1.30 करोड़ रुपए पहुंचे, दिल्ली के बैंक ऑफ बड़ौदा खाते में 5.30 लाख रुपए ट्रांसफर हुए, जबकि बाकी रकम अन्य खातों में भेज दी गई।

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दुबई कनेक्शन से जुड़ा मास्टरमाइंड

एक और बड़ा खुलासा तब हुआ जब पता चला कि आरोपी उदयराज का दुबई स्थित एक गैंग से संपर्क है। पुलिस को शक है कि उदयराज फर्जी बैंक खातों के जरिये रकम (Cyber ​​fraud) को डिजिटल करेंसी में बदलकर ठगों से सौदे करता था। तुषार गोमे ने स्वीकार किया कि वह चेक के माध्यम से रकम निकालकर उदयराज तक पहुंचाता था।

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प्रयागराज से 20 अलग-अलग खातों में बंटा पैसा

पुलिस जांच में सामने आया कि प्रयागराज के बैंक खाते से ठगी की रकम 20 अन्य खातों में ट्रांसफर की गई थी। इससे बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता का भी संदेह गहराया है। फिलहाल दिल्ली से पकड़े गए तीन छात्रों से पूछताछ जारी है और पुलिस को जल्द ही और गिरफ्तारियों की उम्मीद है।

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