MP की सबसे बड़ी 2.53 करोड़ की साइबर ठगी के सरगना ने खोले राज, क्रिप्टो में बदलक विदेश भेजे रुपए

ग्वालियर में आश्रम सचिव से कंबोडिया कॉल पर 2.53 करोड़ की ठगी की। इस मामले में SIT ने 19 आरोपियों को पकड़ा, 'बिग-बॉस' के इशारे पर हुआ पूरा खेल। मास्टरमाइंड ने किए ये खुलासे।

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Rohit Sahu
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ग्वालियर के रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को कंबोडिया से आए फोन कॉल पर ठगी का शिकार बनाया गया। कॉल करने वाले ने खुद को महाराष्ट्र के नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बताया और ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर 2.53 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह विदेशी नेटवर्क के जरिए लोगों को डराकर बड़ी रकम वसूलने का काम करता था।

SIT ने अब तक 19 आरोपियों को दबोचा

पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें बैंक अधिकारी, बेरोजगार युवा और एक सब्जी बेचने वाला तक शामिल है। सभी की भूमिका पहले से तय थी—किसे पैसा निकालना है, किसे ट्रांसफर करना है, और किसे सिम तोड़नी है।

यूपी से निकला कनेक्शन, मास्टरमाइंड बना ‘माइकल’

यूपी के लखनऊ से गिरफ्तार 10 आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि पूरी ठगी का मास्टरमाइंड गुजरात का रवि आनंद साहनी उर्फ माइकल है। रवि, एक रहस्यमयी शख्स ‘बिग-बॉस’ के संपर्क में था। रवि ने बताया कि उसने ‘बिग-बॉस’ को कभी देखा नहीं, सिर्फ आवाज सुनी। उसके ही निर्देशों पर यह सारा नेटवर्क संचालित हो रहा था।

क्रिप्टो में बदले गए रुपये, विदेश में भेजा पैसा

SIT की जांच में खुलासा हुआ कि ठगी से मिले रुपये देश के विभिन्न राज्यों में बांटे गए और फिर इन्हें यूएसडीटी (क्रिप्टो करेंसी) में बदलकर विदेश भेजा गया। पुलिस अब इस क्रिप्टो चैनल की भी बारीकी से जांच कर रही है।

‘बिग-बॉस’ जिसे किसी ने नहीं देखा

गिरफ्त में आए गैंग का मास्टरमाइंड रवि उर्फ माइकल मूल रूप से गुजरात का निवासी है। वह एक रहस्यमयी गुमनाम व्यक्ति ‘बिग-बॉस’ के संपर्क में था। इसे आज तक किसी ने नहीं देखा। खुद रवि भी उससे केवल मैसेज और वॉइस मैसेज के जरिए ही जुड़ा हुआ था। ग्वालियर में ठगी की रकम की बंदरबांट के बाद ‘बिग-बॉस’ ने रवि को निर्देश दिया था कि हर बार कैश लेनदेन के बाद इस्तेमाल किया गया सिम कार्ड निकालकर फेंक देना।

माइकल ने खुलासा किया कि गिरोह में सबका हिस्सा तय है। सेविंग अकाउंट खुलवाने वाले को 5 हजार, बेचने वाले को 10 हजार। जबकि करंट अकाउंट वाले को 60 हजार और खाता बेचने का वाले को सौदा तय होने के अनुसार पैसा दिया जाता था। इसी तरह हैंडलर को ठगी की रकम में 10 से 15% कमीशन रहता है। 

गर्लफ्रेंड से कॉल बन गई गिरफ्तारी की वजह

‘बिग-बॉस’ का सख्त आदेश था कि हर ट्रांजैक्शन के बाद सिम कार्ड तोड़ देना, लेकिन मास्टरमाइंड रवि उर्फ माइकल ने एक बार सिम तोड़ने से पहले अपनी गर्लफ्रेंड को कॉल कर दी। इसी कॉल के जरिए पुलिस को उसकी लोकेशन मिली और वह गिरफ्तार हो गया।

5 बिंदुओं में समझें पूरा ठगी कांड

  • कॉल कंबोडिया से आया और नासिक पुलिस का अधिकारी बनकर धमकी देकर सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद से ठगी की गई।
  • 2.53 करोड़ की ठगी के बाद पैसा देश में घुमाया और क्रिप्टो में बदला गया।
  • 'बिग-बॉस' नाम का रहस्यमयी शख्स पूरे गिरोह को निर्देश देता था, जिसे किसी ने नहीं देखा।
  • SIT ने 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें बैंक अधिकारी से लेकर सब्जीवाला तक शामिल।
  • मास्टरमाइंड रवि की गर्लफ्रेंड से की गई कॉल से उसका पर्दाफाश हुआ।

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