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MP News: मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी ठगी के मामले के तार उज्जैन से जुड़े हुए मिले हैं। इस मामले में पूर्व बैंक मैनेजर समेत 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। दरअसल रामकृष्ण मिशन ग्वालियर के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 2.53 करोड़ रुपए की ठगी की गई। जांच में सामने आया कि गिरोह का संचालन नागदा से किया जा रहा था।
ग्वालियर पुलिस ने नागदा में दबिश दी
शनिवार शाम को ग्वालियर की क्राइम ब्रांच ने नागदा में दबिश देकर बंधन बैंक की पूर्व मैनेजर काजल जायसवाल समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें नागदा के 4, उज्जैन और रतलाम के एक-एक आरोपी शामिल हैं। जांच में यह सामने आया कि स्वामी सुप्रदिप्तानंद से लूटी गई रकम में से 9.90 लाख रुपए इन आरोपियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे।
बैंक कर्मचारियों ने गरीब और जरूरतमंद लोगों को सिर्फ 1000 रुपए का लालच देकर उनके नाम पर फर्जी खाते खुलवाए और फिर उन खातों का इस्तेमाल डिजिटल ठगी में किया।
पासबुक और एटीएम रख लिए अपने पास
ग्वालियर पुलिस को एक साइबर ठगी की जांच के दौरान इस नेटवर्क का सुराग मिला। पुलिस के अनुसार, कुछ बैंक कर्मचारियों ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अपने जाल में फंसाया। उन्हें कहा गया कि अगर वे बैंक खाता खुलवाते हैं तो बदले में 1000 रुपए दिए जाएंगे। इन लोगों से उनके दस्तावेज लिए गए और बैंक खाता खुलवाया गया, लेकिन पासबुक और एटीएम कार्ड उनसे लेकर आरोपी अपने पास रख लेते थे।
साइबर अपराधियों का नया गढ़ बन रहा नागदा
नागदा अब साइबर अपराधियों (Cyber fraud) का ठिकाना बनता जा रहा है। यहां से फर्जी बैंक खाते किराए पर देना, क्रेडिट कार्ड बनाना और गेमिंग ऐप्स के जरिए ठगी जैसे मामलों की पुष्टि हो चुकी है। अब प्रदेश की सबसे बड़ी ठगी के तार भी नागदा से जुड़े हुए मिले। गिरोह का मुख्य सरगना नागदा निवासी उदय कुमार अब भी फरार है। पुलिस को उसकी व्हाट्सऐप चैटिंग मिली, जिसमें ठगी के पूरे नेटवर्क की जानकारी सामने आई।
पकड़े गए सभी आरोपी युवा
गिरफ्तार आरोपियों में नागदा के करण निनाम्या (19), राहुल कहार (22), तुषार गौने (25), शुमम राठौर (23), रतलाम के विश्वजीत बार्गन (42) और उज्जैन की काजल जायसवाल (27) शामिल हैं। पांच आरोपियों की उम्र 27 साल से कम है।
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ग्वालियर की ठगी से जुड़े मिले उज्जैन केस के तार
रामकृष्ण मिशन, उज्जैन (ujjain) के संत स्वामी प्रदीप्तानंद से भी वर्ष 2024 में 71 लाख की साइबर ठगी की गई थी। स्काइप ऐप के जरिए उन्हें 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और ताइवान से ड्रग पार्सल का डर दिखाकर पैसे वसूले गए। उज्जैन मामले में ठगों ने ICICI और YES बैंक के खातों में 71 लाख में से 59 और 12 लाख रुपए ट्रांसफर कराए थे। पुलिस ने 10 दिन में 23 लाख रुपए की राशि फ्रीज कर दी थी और इंदौर से चार आरोपियों को पकड़ा था।
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