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MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना को लेकर एक गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है। यह विवाद न केवल न्यायपालिका की गरिमा पर सवाल उठा रहा है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत संवेदनशील बन चुका है।
विवाद की शुरुआत
फरवरी 2025 में कुछ वकीलों ने ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की थी। इस पर चीफ जस्टिस ने मौखिक आदेश दिया था। 26 मार्च को प्रिंसिपल रजिस्ट्रार ने कमेटी के सदस्यों को प्रतिमा की स्थापना को कुछ समय के लिए स्थगित करने का सुझाव दिया। इसके बावजूद, 14 मई को प्रतिमा को स्थापित करने के लिए हाईकोर्ट लाया गया, तो बार एसोसिएशन ने विरोध शुरू कर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष की पहल
इस बीच, प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर प्रतिमा की स्थापना शीघ्र सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि यह कार्य न्यायालय की अनुमति और सहमति के अनुरूप प्रारंभ किया गया था और यह भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा और डॉ। अंबेडकर के योगदान को सम्मानित करने का प्रतीक है।
वकीलों के बीच मतभेद
ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में प्रतिमा की स्थापना को लेकर वकीलों के दो समूह बन गए हैं। एक समूह प्रतिमा की स्थापना का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा विरोध कर रहा है। बार एसोसिएशन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार न्यायालय परिसर में किसी भी महापुरुष की मूर्ति नहीं लगाई जा सकती। वहीं, अन्य वकीलों का कहना है कि डॉ। अंबेडकर ने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनकी प्रतिमा की स्थापना न्यायपालिका की गरिमा को बढ़ाएगी।
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सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस विवाद पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे जातिवादी मानसिकता का प्रतीक बताते हुए मूर्ति की स्थापना की मांग की है। इसके अलावा, भीम आर्मी और अन्य सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किए हैं और प्रतिमा की शीघ्र स्थापना की मांग की है।
क्या है मामला?
ग्वालियर में हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर एडवोकेट दो भागों मे बंट गए हैं। SC, ST और OBC सहित अन्य अंबेडकरवादी वहां प्रतिमा स्थापना को लेकर अड़े हैं। बार एसोसिएशन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। बीते सप्ताह प्रतिमा पहुंचने की खबर पर ये लोग कोर्ट पहुंच गए और प्रतिमा को अंदर नहीं जाने दिया। यहां दोनों पक्ष के बीच तनाव का माहौल रहा। इस बीच भीम आर्मी के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे तो वकीलों ने उनकी पिटाई कर दी। इसमें साहमति बनाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश ने दोनों पक्ष के लोगों को जबलपुर बुलाकर समझाइश भी दी, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
भीम आर्मी के प्रदर्शन के बाद माहौल गरमाया
अब भीम आर्मी के प्रदर्शन और बैठक से माहौल और गरमा गया है। फूलबाग और हाईकोर्ट परिसर मे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। चप्पे-चप्पे पर फ़ोर्स तैनात है। हाईकोर्ट के सामने से गुजरने वाले मुख्य मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। पूरे इलाके पर पुलिस ड्रोन के जरिये भी निगरानी कर रही है। भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने मानस भवन मे एक सभा भी की जिसमें प्रतिमा स्थापना की मांग करते हुए कहा कि वे इसके लिए व्यापक जन आंदोलन भी शुरू करेंगे। कार्यकर्ताओं ने यहां से कलेक्ट्रेट की तरफ बढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया और समझा बुझाकऱ रोक दिया।