जबलपुर के कचरा डम्पिंग ग्राउंड पर बनेगा 16 करोड़ का ग्रीन पार्क

कठौंदा प्लांट में प्रतिदिन 450 से 500 टन कचरा प्रोसेसिंग के लिए आता है। इसमें से अधिकांश कचरा जलाने योग्य होता है जिससे बिजली बनाई जाती है। कचरा ऊर्जा उत्पादन के योग्य नहीं होता, वह धीरे-धीरे यहां जमा होकर एक डम्पिंग ग्राउंड में बदल गया।

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Sandeep Kumar
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MP News: जबलपुर के कठौंदा क्षेत्र में स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के पास जमा कचरे के पहाड़ को हटाकर एक हरित पार्क विकसित किया जाएगा। इस योजना पर कुल 16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आठ करोड़ की राशि राज्य शासन से और शेष जबलपुर नगर निगम द्वारा वहन की जाएगी। फिलहाल यहां रोजाना 450 से 500 टन कचरा प्रोसेसिंग के लिए आता है। 

कई वर्षों से उपयोग न हो सकने वाला कचरा डम्पिंग ग्राउंड में इकट्ठा होता जा रहा था, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन की स्थिति बन रही थी। विशेषज्ञों के अनुसार एक ही स्थान पर कचरा जमा होने से मिट्टी, जल और वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस परियोजना के माध्यम से न केवल शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा, बल्कि नागरिकों को एक नया हरा-भरा सार्वजनिक स्थल भी मिलेगा।

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डम्पिंग ग्राउंड को हरित पार्क में बदला जाएगा

जबलपुर शहर के कठौंदा क्षेत्र में स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के पास वर्षों से जमा कचरे के डम्पिंग ग्राउंड को अब हरित पार्क में बदला जाएगा। 17 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस पार्क से क्षेत्रवासियों को न केवल एक सुंदर उद्यान मिलेगा, बल्कि पर्यावरणीय समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी।

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क्या है कठौंदा डम्पिंग ग्राउंड की स्थिति?

कठौंदा प्लांट में प्रतिदिन 450 से 500 टन कचरा प्रोसेसिंग के लिए आता है। इसमें से अधिकांश कचरा जलाने योग्य होता है जिससे बिजली बनाई जाती है। लेकिन जो कचरा ऊर्जा उत्पादन के योग्य नहीं होता, वह धीरे-धीरे यहां जमा होकर एक डम्पिंग ग्राउंड में बदल गया। वर्षों की अनदेखी ने इस स्थान को एक बदबूदार कचरा पहाड़ बना दिया है।

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समाधान की ओर कदम

विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक एक ही स्थान पर कचरा जमा रहने से भूमि और वायुमंडल दोनों को भारी नुकसान होता है। कचरे से उत्पन्न गैसें व जल रिसाव ज़हरीले प्रभाव छोड़ते हैं। ऐसे में कठौंदा डम्पिंग ग्राउंड को खत्म कर वहां हरित पार्क बनाना एक आवश्यक और स्वागतयोग्य कदम है।

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16 करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प

इस परियोजना में कुल 16 करोड़ रुपए की लागत आएगी। शासन इस हेतु आठ करोड़ रुपए का अनुदान देगा, जबकि बाकी की राशि जबलपुर नगर निगम स्वयं खर्च करेगा। इस राशि से सबसे पहले डम्पिंग ग्राउंड को कचरा मुक्त किया जाएगा और फिर विशेषज्ञों की मदद से स्थानीय जलवायु के अनुकूल पौधों की रोपाई कर हरित पार्क विकसित किया जाएगा।

नागरिकों के लिए नई सांस लेने की जगह

इस परियोजना का उद्देश्य केवल पर्यावरण सुधार नहीं, बल्कि शहरवासियों को एक स्वस्थ जीवनशैली देने का भी है। हरा-भरा पार्क लोगों को सुबह-शाम टहलने, योग और बच्चों के लिए खेलने की नई जगह देगा। साथ ही शहर की छवि भी सुधरेगी।

 एमपी हिंदी न्यूज

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