मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के ग्वालियर की स्पेशल कोर्ट ( Gwalior Special Court ) ने एक अजीबोगरीब फैसला सुनाया है, जिसमें कोर्ट ने पति पवन मौर्य को पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध (Unnatural Sex) बनाने के आरोप से क्लीन चिट दे दी है।
इस फैसले ने न केवल इस मामले को चर्चा में ला दिया है, बल्कि इस पर अदालत ने एमपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के प्रकरण में उच्च न्यायालय (High Court) के फैसले को भी आधार माना है। इस आदेश के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह फैसला पारंपरिक समझ से परे है और समाज में इसके क्या प्रभाव होंगे।
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स्पेशल कोर्ट का फैसला और क्लीन चिट
स्पेशल कोर्ट ने पवन मौर्य के खिलाफ अप्राकृतिक यौन संबंध (Unnatural Sex) के आरोप को अस्वीकार करते हुए उसे क्लीन चिट दी है। कोर्ट ने इस फैसले में यह माना कि पति-पत्नी के बीच इस तरह का संबंध अपराध नहीं माना जा सकता। इस फैसले में एमपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया गया है। उच्च न्यायालय ने भी कहा था कि अगर पति पत्नी के साथ धारा 377 के तहत अप्राकृतिक यौन संबंध बनाता है तो यह अपराध नहीं होगा।
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पति के खिलाफ दर्ज अन्य आरोपों में सुनवाई जारी
हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पत्नी द्वारा पति के खिलाफ अन्य धाराओं में दर्ज किए गए आरोपों पर ट्रायल (Trial) जारी रहेगा। इस प्रकार, केवल धारा 377 के तहत मामले को खारिज किया गया है, जबकि अन्य कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी। यह निर्णय समाज में इस प्रकार के मामलों को लेकर एक नई बहस का कारण बन सकता है। क्या कोर्ट का यह फैसला सामाजिक दृष्टिकोण से सही है? या फिर यह कानूनी रूप से एक नई दिशा दर्शाता है? आने वाले समय में इस पर और अधिक चर्चा होगी।
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इस मामले में हुई सुनवाई
पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए वकील अजय द्विवेदी ने बताया कि आरोपी पवन की शादी 30 नवंबर 2020 को हुई थी। लेकिन, चार साल बाद पवन के खिलाफ उसकी पत्नी ने 25 फरवरी 2024 को महिला थाना पड़ाव में एफआईआर दर्ज कराई थी कि उसका पति शराब पीकर अप्राकृतिक कृत्य करता है, मारपीट करता है और दहेज लाने की मांग करता है। दहेज देने से इनकार करने पर पति मारपीट करता है। स्पेशल ट्रायल कोर्ट में पति के खिलाफ अप्रकृतिक सेक्स संबंध कायम करने की धारा-377 के साथ दहेज प्रताड़ना अधिनियम, घरेलू हिंसा और मारपीट सहित अन्य धाराओं में दर्ज प्रकरण पर सुनवाई हुई।
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