ग्वालियर, श्योपुर और कोटा के बीच ब्रॉडगेज रेलवे लाइन बिछाने की योजना तेज़ी से चल रही है। इस परियोजना पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। तीन साल के भीतर 2028 तक इस रेलवे लाइन के द्वारा ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा, जो इन क्षेत्रों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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ग्वालियर से कोटा की दूरी में कमी
ग्वालियर से कोटा की दूरी लगभग 284 किलोमीटर है। इस नए रेलवे मार्ग के बनने से यात्रा की सुविधा और तेज़ हो जाएगी। पहले ग्वालियर और श्योपुर के बीच 190 किलोमीटर की नेरो गेज ट्रैक को ब्रॉडगेज में बदलने का काम चल रहा है, जो यात्रियों के लिए सुविधा में बड़ा इजाफा करेगा।
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श्योपुर-कोटा के बीच ट्रेन सेवा का सपना साकार होगा
ग्वालियर से श्योपुर और फिर कोटा तक रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी तेज़ी से चल रही है। इस योजना में श्योपुर और कोटा के बीच पहले की तुलना में 4 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है, जिससे यात्रा का समय भी घटेगा। यह रेलवे लाइन न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि दोनों राज्यों के बीच व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देने में सहायक होगी।
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नई सर्वे रिपोर्ट से दूरी में कमी
मध्यप्रदेश के श्योपुर और राजस्थान के कोटा के बीच की दूरी पहले 104 किलोमीटर थी, लेकिन एलाइंमेंट में बदलाव के कारण यह दूरी 100 किलोमीटर के आसपास हो गई है। इस दूरी में कमी से रेल सेवा और भी अधिक प्रभावी और सुविधा जनक हो जाएगी। रेलवे द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, इस परियोजना की लागत में भी 100 करोड़ रुपये की कमी आई है।
10 नए रेलवे स्टेशन बनेंगे
इस रेलवे लाइन के तहत कुल 10 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 3 स्टेशन मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में और 7 स्टेशन राजस्थान के कोटा जिले में होंगे। श्योपुर जिले में कानपुर, खेड़ा और पीपल्दा में स्टेशन बनेंगे, जबकि कोटा जिले में गणेशगंज, दौलतगंज, बड़ोद, सुल्तानपुर, उम्मेदपुरा, दीगोद और एक अन्य स्टेशन तैयार किया जाएगा।
रेलवे लाइन के निर्माण की तैयारी
श्योपुर और कोटा के बीच इस ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के निर्माण के लिए जरूरी सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। रेलवे विभाग ने दोनों शहरों के बीच स्टेशन बनाने की रूपरेखा तैयार कर ली है, जिससे इस क्षेत्र में रेलवे का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।
परियोजना की लागत और समयसीमा
ग्वालियर-श्योपुर-कोटा रेलवे लाइन की लागत 500 करोड़ रुपये तय की गई है। इस परियोजना के तहत रेलवे स्टेशन, ट्रैक बिछाने और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। रेलवे सूत्रों के अनुसार, यह परियोजना 2028 तक पूरी हो जाएगी, और तब तक ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
मध्यप्रदेश-राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण परियोजना
यह रेलवे लाइन दोनों राज्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे न केवल यात्रा की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि व्यापारिक गतिविधियां भी प्रभावित होंगी। श्योपुर और कोटा के बीच बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी इन दोनों क्षेत्रों के लिए आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से लाभकारी होगी।
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