शेख रेहान@khandwa
मध्य प्रदेश के खंडवा में गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल में खीर, पुड़ी और हलवा खाने के बाद 40 से ज्यादा बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। स्कूल में विशेष सहभोज के बाद बच्चों को उल्टी और दस्त की शिकायतें शुरू हो गईं, जिसके बाद बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। जहां बेड की कमी होने पर जमीन पर लिटाकर बच्चों का इलाज किया गया। डॉक्टरों ने इसे फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) का मामला बताया है। वहीं मामले को लेकर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। डॉक्टर्स और ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर के अनुसार सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।
झंडावंदन के बाद हुआ था सहभोज
मामला हरसूद के कसरावद गांव का है। यहां रविवार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के बाद स्कूल में प्राइमरी, मिडिल और आंगनवाड़ी के बच्चों को मध्यान्ह भोजन वितरित किया गया था। इस भोजन में खीर, पुड़ी और हलवा शामिल थे। सुबह 10 बजे झंडा फहराने के बाद बच्चों को यह भोजन दिया गया था। लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ा, शाम के करीब 6 बजे के आसपास बच्चों की तबियत बिगड़ने लगी। पहले कुछ बच्चे उल्टी और दस्त की शिकायत लेकर बीमार पड़े, और फिर धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ने लगी। कुल मिलाकर 40 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए, जिनमें से अधिकांश बच्चों को उल्टी की समस्या थी।
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बीमार 25 बच्चे भर्ती, 15 डिस्चार्ज
गांव में एक साथ इतने बच्चों के बीमार पड़ने से अफरा-तफरी मच गई। इसके ग्रामीणों ने फौरन बीमार बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। शुरुआती इलाज के बाद 15 बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन कुछ बच्चों की स्थिति और खराब हो गई। अस्पताल में बिस्तर की कमी होने के कारण बच्चों को जमीन पर लिटाकर इलाज करना पड़ा। 25 बच्चे अब भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
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सभी बच्चे खतरे से बाहर
स्वास्थ्य केंद्र के सीनियर डॉक्टर आशीष राज मिश्रा ने बताया कि सभी बच्चों को उल्टी की शिकायत थी, और फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) के कारण ऐसा हो सकता है, हालांकि यह जांच का विषय है। फिलहाल, किसी भी बच्चे की हालत गंभीर नहीं है और वे इलाज के बाद डिस्चार्ज हो रहे हैं।
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खीर के दूध में गड़बड़ी की आशंका
पंचायत सचिव अमरदास राजपूत ने बताया कि भोजन का वितरण स्व-सहायता समूह ने किया था। ध्वजारोहण कार्यक्रम के बाद सहभोज आयोजित किया था। बच्चों को परोसे गए भोजन में सब्जी-पुड़ी, खीर और हलवा शामिल था। सरपंच संजय पटेल ने बताया कि कार्यक्रम के बाद स्टाफ और जनप्रतिनिधियों ने भी स्कूली बच्चों के साथ भोजन किया था। हालांकि, प्राइमरी और आंगनबाड़ी के बच्चे बीमार हुए हैं। जिन बच्चों ने खीर का सेवन किया उन्हें ही उल्टियां हुई। खीर के दूध में गड़बड़ी हो सकती है।
भोजन की गुणवत्ता पर उठे सवाल
इस घटना ने स्कूल में दिए गए भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। अब स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है और उन बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है जो अभी भी इलाज प्राप्त कर रहे हैं।
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