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Gwalior. माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला को लेकर प्रशासन की तैयारियां जोरों पर है। मेला प्राधिकरण ने व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सौ साल पुराने इस मेले के लिए दुकान आवंटन की प्रक्रिया भी जारी है। इसके साथ ही प्रशासन ने सख्त चेतावनी भी जारी की है। किसी दुकान को ब्लैक में देने पर भारी जुर्माना लगेगा। दोषी दुकानदार का नाम ब्लैकलिस्ट में डाला जाएगा।
खाली दुकानों पर मिलेगा खादी
हर साल मेला परिसर में करीब 200 दुकानें खाली रह जाती हैं। प्रशासन ने तय किया है कि ऐसी दुकानों को खादी ग्रामोद्योग, हस्तशिल्प और स्वसहायता समूहों को आवंटित किया जाएगा।
ग्वालियर के संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने 'द सूत्र' से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि अब तक 1250 दुकानों का आवंटन पूरा हो चुका है। इस साल दुकान आवंटन शुल्क में 10% बढ़ोतरी की गई है।
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एमपी ऑनलाइन पोर्टल से हो रहा है आवेदन
वर्ष 2025-26 के लिए दुकान आवंटन की प्रक्रिया एमपी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 14 अक्टूबर से शुरू की गई थी। हालांकि अब तक सिर्फ 60% दुकानें ही आवंटित हो पाई हैं। शेष 40% दुकानों के लिए पोर्टल दोबारा खोला जा रहा है ताकि और व्यापारी आवेदन कर सकें।
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14 से 21 नवंबर तक दोबारा खुला रहेगा पोर्टल
मेला प्रशासन ने घोषणा की है कि व्यापारी 14 से 21 नवंबर 2025 तक एमपी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकेंगे। यह दुकान पाने का अंतिम अवसर होगा।
दुकान ब्लैक या किराए पर दी तो लगेगा जुर्माना
मनोज खत्री ने कहा कि दुकानदार ने दुकान किराए पर दी या बेची, तो 1 लाख जुर्माना लगेगा। साथ ही, ऐसे दुकानदारों को अगले पांच सालों तक ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
स्वच्छता और व्यवस्थाओं पर सख्त निगरानी
कमिश्नर ने मेले की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। अधिकारियों को साफ-सफाई, झूला सेक्टर में लापरवाही न करने के निर्देश दिए। नगर निगम को परिसर की स्वच्छता समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, प्रचार-प्रसार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आकर्षक बनाने के लिए भी विशेष योजना तैयार की जा रही है।
लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई
नगर निगम की ढिलाई पर प्रशासन ने दो राजस्व कर संग्राहकों को निलंबित किया है। एक अधिकारी का 10 दिन का वेतन काटा गया है। आयुक्त ने चेतावनी दी है कि मेले की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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व्यापार और पर्यटन दोनों के लिए अवसर
ग्वालियर व्यापार मेला शहर की ऐतिहासिक पहचान और मध्य भारत का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। हर साल लाखों पर्यटक और व्यापारी यहां आते हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है। प्रशासन का उद्देश्य आयोजन को पारदर्शी और अनुशासित बनाना है। इससे व्यापारी और आम जनता को बेहतर अनुभव मिलेगा।
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