बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( Dhirendra Krishna Shastri ) अपने बयान को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने सवाल उठाया है कि क्यों सिर्फ हवस के पुजारी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, हवस के मौलवी या पादरी क्यों नहीं बोला जाता है। उन्होंने कहा मुस्लिम मौलवियों की कभी बेइज्जती नहीं करते, लेकिन हिंदुओं के दिमाग में प्रायोजित तरीके से ऐसे शब्द भरे गए। बागेश्वर बाबा (Bageshwar Baba ) के सवाल पर मुस्लिम धर्मगुरुओं (muslim religious leaders ) ने नाराजगी जाहिर की है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन (Maulana Shahabuddin ) ने धीरेंद्र कृष्ण के बयान को नफरती बताया है।
क्या कहा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि हवस का पुजारी ही क्यों, मौलवी क्यों नहीं? हवस का पादरी ( priest ) क्यों नहीं होता, हवस का मौलाना (Maulana ) क्यों नहीं होता? उनके इस बयान पर मौलानाओं ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी विशेष धर्म को निशाना नहीं बनाया था। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पुजारी पद को बदनाम किया जा रहा है और सभी पुजारी गलत नहीं हैं। उन्होंने अफजाल अंसारी ( Afzal Ansari ) के गांजा वाले बयान पर पलटवार सभी साधु गांजा नहीं फूंकते हैं। ये बेफिजूल की बातें हैं। ऐसे तो अंसारी आतंकवादी होते हैं।
क्या कहा मौलाना शहाबुद्दीन
वहीं मौलाना ने धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि धीरेंद्र हमेशा आपत्तिजनक बातें करते हैं। उन्होंने कहा धार्मिक व्यक्ति होकर धर्म के प्रचारकों के खिलाफ वह इस तरह की ऊल-जुलूल बातें करते हैं, उनको शर्म आनी चाहिए। मौलाना ने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री को हमेशा अच्छी बात कहनी चाहिए, ऐसी बात कहनी चाहिए जो लोगों के लिए सबक हो। बेवजह की बातें नहीं करनी चाहिए।
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