नीट पीजी काउंसलिंग के दूसरे चरण पर HC की रोक,खुलेगा रजिस्ट्रेशन पोर्टल

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग 2024 के दूसरे चरण के सीट आवंटन पर रोक लगा दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल खोलने के आदेश दिए हैं।

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Neel Tiwari
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग 2024 के दूसरे चरण के सीट आवंटन पर रोक लगा दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल खोलने के आदेश दिए हैं। यह निर्णय हाईकोर्ट के जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की कोर्ट ने 14 चिकित्सकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लिया। अदालत ने इस मामले में सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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4 जनवरी को कम किए गए क्वालीफाई परसेंटेज

नीट पीजी काउंसलिंग 2024 में क्वालीफाइंग पर्सेंटाइल को 4 जनवरी 2025 को घटा दिया गया था। नए नियम के तहत सामान्य और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के अभ्यर्थियों को 15 परसेंटेजऔर आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों को 10 परसेंट प्राप्त होने पर काउंसलिंग के लिए पात्र घोषित किया गया। हालांकि, यह निर्णय तब लिया गया, जब मध्यप्रदेश में नीट पीजी काउंसलिंग का दूसरा चरण पहले ही 1 जनवरी से शुरू हो चुका था।

दूसरे चरण में च्वाइस फिलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी और 7 जनवरी 2025 को सीट आवंटन के नतीजे घोषित किए जाने थे। इस स्थिति में वे अभ्यर्थी, जो 4 जनवरी के निर्णय से पहले तक काउंसलिंग के लिए अयोग्य थे, अब नए मापदंड के अनुसार पात्र हो गए। इन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की कि उन्हें दूसरे चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाए।

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क्वालीफाई कैंडिडेट के अधिकारों का हुआ हनन

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा और विशाल बघेल ने कोर्ट में दलील दी कि नए मापदंड के तहत पात्र होने के बावजूद उन्हें काउंसलिंग में शामिल होने से वंचित किया जाना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और संबंधित विभागों ने 4 जनवरी के निर्णय को लागू करने में कोई तत्परता नहीं दिखाई, जिससे नए पात्र हुए अभ्यर्थियों के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि काउंसलिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी और असरदार बनाने के लिए सभी पात्र अभ्यर्थियों को समान अवसर दिया जाना चाहिए।

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काउंसलिंग की प्रक्रिया लगभग हो चुकी है पूरी

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जाह्नवी पंडित ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दूसरे चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में यदि नए पात्र अभ्यर्थियों को शामिल किया जाता है, तो यह प्रक्रिया में अनावश्यक देरी और जटिलता पैदा करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन अभ्यर्थियों को अगले मॉप-अप राउंड में शामिल किया जा सकता है, जो प्रक्रिया का अंतिम चरण है।

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सेकंड राउंड के रिजल्ट्स पर लगी रोक

याचिकाकर्ताओं और सरकार के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए दूसरे चरण के सीट आवंटन पर रोक लगा दी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल दोबारा खोला जाए, ताकि वे काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल हो सकें। इसके अलावा, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मामले में नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

सीट आवंटन के परिणाम अब रोके गए 

हाईकोर्ट के इस आदेश का असर यह होगा कि 7 जनवरी को घोषित होने वाले दूसरे चरण के सीट आवंटन के परिणाम अब रोक दिए गए हैं। साथ ही, नए मापदंड के अनुसार पात्र हुए अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। अदालत द्वारा मांगे गए जवाब के बाद यह तय होगा कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ेगा। यह आदेश उन अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो नए मापदंड के तहत पात्र हुए हैं और उन्हें न्याय पाने के लिए अदालत का रुख करना पड़ा। मामले की अगली सुनवाई में यह देखा जाएगा कि उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर क्या स्थायी निर्णय लेता है।

 

 

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