हेलमेट से मोटर बोट तक: विधायक निधि में नए जमाने की मांगें, बदलेंगे 12 साल पुराने नियम

विधायक निधि से होने वाले कार्यों का दायरा बदलने जा रहा है। जनता की मांगें अब बदल गई हैं। लोग मुफ्त हेलमेट, मोटर बोट, विकलांगों के लिए ई-ट्राइसाइकिल और आधुनिक सफाई मशीनें चाहते हैं।

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Ravi Awasthi
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BHOPAL. विधायक निधि से कराए जाने वाले कामों का दायरा अब जमाने के साथ बदलने जा रहा है। जनता की मांगें पहले जैसी नहीं रहीं। किसी को मुफ्त हेलमेट चाहिए, तो कोई नदी में मोटर बोट चलाने की सुविधा चाहता है। 
कहीं विकलांगों के लिए ई-ट्राइसाइकिल की जरूरत बताई जा रही है। कहीं आधुनिक सफाई मशीनें शामिल करने का सुझाव दिया गया है। बदलते नजरिए को देखते हुए सरकार 12 साल पुराने नियमों को संशोधित कर रही है। नई सूची तैयार की जा रही है।

2013 में बनी थी आखिरी सूची

वर्तमान सूची 2013 में तय हुई थी। इसमें श्मशान, स्कूल बॉन्ड्रीवॉल और बस स्टॉप जैसी परंपरागत जरूरतें शामिल हैं। लेकिन, अस्पताल या सार्वजनिक संस्थानों को निधि से मदद की अनुमति नहीं है। कई जगहों पर निधि से बने बस स्टॉप पर यात्री बसें नहीं रुकतीं। इसके कारण ये बस स्टॉप असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गए हैं।

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हेलमेट, ई-ट्राइसाइकिल, मोटर बोट की मांगें बढ़ीं

महेश्वर विधायक राजकुमार मेव ने सड़क सुरक्षा के लिए हेलमेट खरीदी को निधि में शामिल करने का सुझाव दिया। इसका उद्देश्य जरूरतमंदों को नि:शुल्क हेलमेट वितरण करना है।

छतरपुर विधायक ललिता यादव ने विकलांगों के लिए हैंड-ड्राइव ट्राइसाइकिल की जगह आधुनिक ई-ट्राइसाइकिल देने का प्रस्ताव दिया है।

हरसूद विधायक और जनजातीय मंत्री विजय शाह ने नदी क्षेत्रों में उपयोग के लिए मोटर बोट खरीदी को सूची में जोड़े जाने की सलाह दी है।

कांग्रेस विधायक सचिन यादव चाहते हैं कि अस्पताल और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी निधि से सहायता दी जा सके।

सफाई और महिला स्वास्थ्य से जुड़े सुझाव भी शामिल

कई विधायकों ने स्कूलों-कॉलेजों के लिए सेनेटरी पैड इन्सिनरेटर की सलाह दी है। वहीं, कई ने वेस्ट मैनेजमेंट मशीनों की खरीदी सूची में जोड़ने का सुझाव दिया है। वर्तमान में यह काम केवल कुछ नगर निकाय ही अपने स्तर पर कर पाते हैं।

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वक्त बदल रहा है, सूची भी बदलेगी: मिश्रा

राज्य आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने सभी विधायकों से 15 दिसंबर तक सुझाव भेजने को कहा है। विभाग के आयुक्त विकास मिश्रा ने कहा वक्त के साथ बदलाव जरूरी है। इसलिए निधि से किए जा सकने वाले कामों की नई सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

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दोगुनी होगी विधायक निधि

वर्तमान में विधायक प्रति वर्ष 2.5 करोड़ रुपए निधि पाते हैं। अब इसे 5 करोड़ करने का प्रस्ताव लगभग तय हो चुका है। यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली की तर्ज पर बजट 2026-27 से इसे लागू करने की तैयारी है। हालांकि, दिल्ली में प्रति विधायक मिलने वाली निधि 15 करोड़ थी, जिसे अब घटाकर 5 करोड़ किया गया है।

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स्वेच्छानुदान 1 करोड़ करने की मांग

विधायक स्वेच्छानुदान का इस्तेमाल इलाज, आर्थिक सहायता और छोटे कार्यों में होता है। इसके 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। हालांकि, इसके दुरुपयोग के मामले भी सामने आए हैं। जहां इसे परिजनों और समर्थकों को लाभ पहुंचाने में खर्च किया गया।

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