प्रमोशन में आरक्षण विवाद : हाईकोर्ट में सुनवाई 14 को, सरकार की ओर से सीएस वैद्यनाथन करेंगे पैरवी

मध्यप्रदेश की नई प्रमोशन नीति 2025 पर विवाद और अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई 14 अगस्त को होगी। पहले यह 12 अगस्त को निर्धारित थी, लेकिन चीफ जस्टिस की अनुपस्थिति के कारण इसे टाल दिया गया।

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Neel Tiwari
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प्रमोशन में आरक्षण विवाद MP की नई प्रमोशन नीति 2025 पर उठे विवाद और अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई अब 14 अगस्त को होगी। पहले यह सुनवाई 12 अगस्त को निर्धारित थी, लेकिन चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच उपलब्ध न होने के कारण इसे टाल दिया गया।

कई याचिकाओं एक साथ होंगी सुनवाई

इस मामले में अब सिर्फ डॉक्टर स्वाति शर्मा एवं अन्य की याचिका क्रमांक WP-24880/2025 ही नहीं, बल्कि तीन अन्य याचिकाएं भी जुड़ चुकी हैं

  • राजीव कुमार खरे एवं अन्य– याचिका क्रमांक 24881/2025
  • समीर कुमार शर्मा एवं अन्य– याचिका क्रमांक 24914/2025
  • राकेश केसवानी एवं अन्य– याचिका क्रमांक 32095/2025

इनमें मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षकों के संगठन सहित SPAKS जैसे कर्मचारी संगठन भी शामिल हैं। सभी याचिकाओं की सुनवाई अब मुख्य याचिका के साथ होगी।

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सीएस वैद्यनाथन को मिली जिम्मेदारी

महाधिवक्ता कार्यालय, जबलपुर के अनुसार, सरकार की ओर से इस मामले की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि पहली सुनवाई में सरकार का पक्ष मजबूती से नहीं रखा जा सका था।

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सरकार की नई प्रमोशन नीति पर खड़े हुए हैं सवाल

याचिकाकर्ता जो अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी हैं उनका कहना है कि 2025 की नई प्रमोशन नीति, सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2002 की नीति पर लगाई गई status quo (यथास्थिति) की शर्त और आर.बी. राय बनाम मध्यप्रदेश शासन के आदेश से बचने के लिए बनाई गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने जरनैल सिंह और एम. नागराज जैसे महत्वपूर्ण मामलों में प्रमोशन में आरक्षण के लिए मापदंड तय किए हैं। इन मापदंडों में अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का परिमाणात्मक डेटा, समय-समय पर समीक्षा और सिर्फ जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर आरक्षण न देने जैसे बिंदु शामिल हैं।

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अगली सुनवाई होगी अहम

14 अगस्त की सुनवाई में नई नीति की संवैधानिक वैधता पर बहस होगी। यह भी देखा जाएगा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्देशों के अनुरूप चली है या नहीं। सी.एस. वैद्यनाथन के शामिल होने से यह बहस और तीखी हो सकती है।

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