MP News : रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। 26 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले हाईस्पीड इलेक्ट्रिक रेल इंजन का उद्घाटन करेंगे। यह इंजन न केवल भारत का सबसे शक्तिशाली लोकोमोटिव है, बल्कि यह "मेक इन इंडिया" और "मेक फॉर वल्र्ड" का जीवंत उदाहरण भी है।
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इंजन की तकनीकी खूबियां और क्षमता
- इंजन का नाम - ईएफ- 9 के
- निर्माण स्थल - दाहोद रोलिंग स्टॉक कारखाना, रतलाम मंडल
- पावर - 9000 हॉर्सपावर
- ट्रायल - सफलतापूर्वक पूरा किया गया
- गति -120 किलोमीटर/घंटा तक की अधिकतम स्पीड
- वजन क्षमता - 4500 टन डबल स्टैक कंटेनर मालगाड़ी खींचने की क्षमता
इंजन में आधुनिक ड्राइवर कैब शामिल है जिसमें एयर कंडीशनिंग और टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद हैं, जिससे चालक दल को आरामदायक अनुभव मिलेगा।
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सीमेंस इंडिया और रेलवे की साझेदारी
इस लोकोमोटिव को जर्मन कंपनी सीमेंस इंडिया और भारतीय रेलवे के संयुक्त सहयोग से तैयार किया गया है। यह परियोजना करीब 20,000 करोड़ की लागत से पूरी की जा रही है।
- जनवरी 2023 : रेलवे और सीमेंस के बीच करार
- 11 वर्षों में कुल : 1200 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माण का लक्ष्य
- 20 अप्रैल 2022 : प्रधानमंत्री मोदी ने फैक्ट्री की रखी थी आधार
मालगाड़ी परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव
यह हाईस्पीड इंजन न केवल तेज गति से माल ढुलाई करेगा, बल्कि इसके जरिए रेलवे की लॉजिस्टिक एफिशिएंसी में भारी बढ़ोतरी होगी। अभी मालगाड़ियों की औसत रफ्तार 60 से 100 किमी/घंटा होती है, जबकि यह इंजन उसे 120 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ा सकेगा।
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