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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक डिवोर्स के केस में फैसला सुनाते हुए कहा है कि हिंदू दंपती, मुस्लिम दंपती की तरह तलाक नहीं ले सकते ( hindu couple cannot divorce like muslim couple ) । कोर्ट के अनुसार हिंदू कपल अगर आपसी सहमति से अलग होते हैं, तो इसे डिवोर्स नहीं माना जाएगा। तलाक के लिए कपल को कोर्ट में अप्लाई करना होगा ( hindu couple divorce )।
पति पर दहेज प्रताड़ना का आरोप
डिवोर्स के इस मामले में पहले पत्नी ने अपने पति और उसके परिवार पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया था। दोनों की शादी 2022 में हुई थी। पत्नी के अनुसार उस समय लड़के परिवार को दहेज दिया गया था। इसके बावजूद शादी के बाद उसके ससुराल वाले कम दहेज को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगे। उसे अपने माता-पिता के घर लौटने के लिए भी मजबूर किया गया। इस मामले में महिला ने अपने पति और ससुराल वालो के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट कराई थी।
अब पति का कहना है कि वे दोनों आपसी सहमति से अलग हो गए हैं। महिला भी पति के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करवाना चाहती।
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कोर्ट का फैसला
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने इस केस में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि कपल का विवाह हिंदू रीति रिवाज से हुआ था। दोनों में से कोई भी मुसलमान नहीं है। ऐसे में बिना कोर्ट आए आपसी सहमति से उनका तलाक नहीं हो सकता है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि नोटरी ने आपसी समझौता पत्र को भी कैसे नोटराइज किया यह भी गंभीर प्रश्न है। इसके अलावा महिला के दहेज प्रताड़ने के आरोपों को खारिज करने से भी कोर्ट ने मना कर दिया है। कोर्ट ने यह साफ किया है कि हिंदू कपल तलाक कोर्ट के जरिए ही ले सकते हैं।