दिवाली पर दुल्हन सा सजा 190 साल पुराना राजवाड़ा महालक्ष्मी मंदिर, रूप चौदस पर चार बार होगा शृंगार

इंदौर का 190 साल पुराना राजवाड़ा महालक्ष्मी मंदिर दिवाली के लिए खूबसूरती से सजकर तैयार है। इस साल रूप चौदस पर माता का चार बार विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

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Kaushiki
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Latest Religious News: धन और वैभव के महापर्व दिवाली के अवसर पर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ इन्हीं दिनों में यहां उमड़ती है।

यह मंदिर न सिर्फ श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि इंदौर की ऐतिहासिक होल्कर विरासत का भी प्रतीक है। यह मंदिर करीब 190 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसकी स्थापना 1832 में मल्हारराव होल्कर द्वितीय के कार्यकाल में हुई थी।

हालांकि, 1933 में एक भीषण अग्निकांड में यह मंदिर जल गया था लेकिन मां की प्रतिमा पूरी तरह सुरक्षित बचा ली गई थी। इसे बाद में इसी स्थान पर मरम्मत किया गया। वर्तमान में, मंदिर का प्रबंधन खासगी ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है।

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रूप चौदस पर देवी का चौगुना श्रृंगार

इस बार दीपावली के पांच दिन के दीपोत्सव पर राजवाड़ा स्थित महालक्ष्मी मंदिर में भक्तों के लिए खास आयोजन किए जा रहे हैं।

  • रूप चौदस पर विशेष: 

    20 अक्टूबर को रूप चौदस के दिन देवी महालक्ष्मी का खास ध्यान रखा जाएगा। इस दिन देवी का चार बार अद्भुत श्रृंगार किया जाएगा और उनके वस्त्र बदले जाएँगे। यह भक्तों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र होता है।

  • दीपावली पर व्यवस्था: 

    दीपावली (21 अक्टूबर) के दिन भक्तों की सबसे अधिक भीड़ को देखते हुए, दर्शनों की व्यवस्था सुचारू रखने के लिए केवल दो बार ही श्रृंगार होगा। इस दिन भक्त देर रात तक मां के दर्शन करते हैं।

  • अन्य आयोजन: 

    एकादशी और धनतेरस को मंदिर में फूल बंगला सजाया जाएगा, जिससे मंदिर की सुंदरता कई गुना बढ़ जाएगी।

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मंदिर की अनोखी विशेषता

दिवाली 2025 राजवाड़ा का यह महालक्ष्मी मंदिर अपनी विशेष मूर्ति कला के लिए जाना जाता है।

  • देवी का स्वरूप: 

    मंदिर में मां लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान हैं। उन्हें सुख-समृद्धि के प्रतीक माने जाने वाले गज (हाथी) पर स्थापित किया गया है।

  • अन्य देव: 

    मुख्य मूर्ति के साथ यहां हनुमान जी, शिवजी, गणेशजी और उनकी पत्नियां रिद्धि-सिद्धी सहित मां लक्ष्मी विराजित हैं। इससे यह पूरा मंदिर परिसर दैवीय ऊर्जा से भरा रहता है।

  • दीपावली पर भोग: 

    दीपावली के दिन मां महालक्ष्मी को विशेष रूप से कमल का फूल अर्पित किया जाता है, जो देवी को अत्यंत प्रिय है।

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देश-विदेश के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर

इंदौर का राजवाड़ा महालक्ष्मी मंदिर अपनी ऐतिहासिकता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन भारत में कई अन्य प्राचीन और विख्यात महालक्ष्मी मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु मां का आशीर्वाद लेने जाते हैं जैसे-

  • महाराष्ट्र का कोल्हापुर स्थित अंबाबाई मंदिर

  • मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर

  • तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर

इंदौर शहर में भी राजवाड़ा के अलावा उषा नगर, महालक्ष्मी नगर, विद्याधाम, खजराना गणेश मंदिर परिसर और हंसदास मठ जैसे कई स्थानों पर महालक्ष्मी के मंदिर हैं, जहां भक्त गण दर्शन के लिए जाते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News 

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