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नागदा के झारड़ा में रामनवमी के दिन एक विवाद ने धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को आहत कर दिया। एक व्हाट्सएप ग्रुप (WhatsApp ) में भगवान श्रीराम के जयकारों और शुभकामनाओं के संदेशों को डिलीट करने के बाद हिंदू समाज में आक्रोश फैल गया। इस विवाद ने पटवारी और अन्य कर्मचारियों के बीच तनाव पैदा किया, जिससे हिंदू संगठन मैदान में उतर आए और कार्रवाई की मांग की।
विवाद की शुरुआत
रामनवमी के दिन झारड़ा में पटवारी ग्रुप में भगवान श्रीराम के जयकारों और शुभकामनाओं के संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा था, लेकिन कुछ समय बाद यह संदेश डिलीट कर दिए गए। आरोप है कि तहसील झारड़ा के नायब तहसीलदार शौकत अली ने धार्मिक संदेशों को समूह से हटा दिया, जिसके बाद हिंदू समाज में गहरी नाराजगी फैल गई। यह कदम हिंदू समाज के लिए अपमानजनक और उनकी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ था।
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हिंदू समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर हिंदू समाज के लोग काफी आहत हुए। उनका कहना था कि राम के नाम को मिटाना केवल एक संदेश नहीं, बल्कि पूरे समाज की आस्था से खिलवाड़ है। हिंदू समाज ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आरोपित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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हिंदू जागरण मंच का विरोध
विरोध के बाद हिंदू जागरण मंच सक्रिय हो गया। प्रांतीय पदाधिकारी भेरू सिंह सोलंकी और जिला संयोजक दिलीप सिंह चौहान के नेतृत्व में मंच के कार्यकर्ताओं ने महिदपुर के अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में शौकत अली को तत्काल निलंबित करने की मांग की गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो हिंदू जागरण मंच के नेतृत्व में पूरा हिंदू समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।
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भविष्य में कार्रवाई की मांग
हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह की धार्मिक भावनाओं से खेलने वाली हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वह जल्दी ही इस मुद्दे पर कार्रवाई करे, ताकि ऐसे घटनाक्रम भविष्य में न हो सकें।