एमपी कांग्रेस अपनाएगी बिहार वाला फार्मूला, इन जाति के नेताओं का बढ़ेगा दबदबा

मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में दलित, आदिवासी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को मौका देने की योजना बना रही है। पार्टी का ध्यान राजनीतिक संतुलन बनाए रखने पर है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में विविधता को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इसके तहत दलित (Dalit), आदिवासी (Tribal), ओबीसी (OBC), महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्गों के नेताओं को भी प्रमुख पदों पर मौका दिया जाएगा। पार्टी संगठन में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस पार्टी हर समुदाय की आवाज सुन सके और उनका सही तरीके से प्रतिनिधित्व कर सके।

कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति

सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 72 संगठनात्मक जिलों में से 34 जिलों में जिला अध्यक्ष सामान्य वर्ग से हैं। इसके अलावा 6 जिलों में अध्यक्षों के पद रिक्त हैं, जिनमें कटनी, रायसेन, रतलाम ग्रामीण, बैतूल शहर, खंडवा शहर और खंडवा ग्रामीण शामिल हैं। इन रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा, और कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।

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राजनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश

कांग्रेस ने हाल ही में यह निर्णय लिया कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति विधायकों या विधानसभा चुनाव लड़ने वाले नेताओं की पसंद के बजाय संगठन की जरूरतों के आधार पर की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि कोई विधायक या हारने वाला उम्मीदवार पार्टी छोड़ता है, तो भी पार्टी के विचारधारा से जुड़े हुए कार्यकर्ता और पदाधिकारी पार्टी में बने रहें और दल बदलने की प्रवृत्तियों से बचा जा सके।

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आदिवासी जिलों में अलग फॉर्मूला

सूत्रों के अनुसार, आदिवासी बहुल जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए अलग फॉर्मूला अपनाया जा सकता है। अलीराजपुर, झाबुआ और बड़वानी जैसे जिलों में सभी विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जहां सामान्य और ओबीसी वर्ग के नेताओं को अध्यक्ष बनाने से राजनीतिक संतुलन बना रहेगा। इस योजना के अंतर्गत, कांग्रेस इन जिलों में जातिगत संतुलन बनाए रखेगी और नेताओं को ताकतवर भूमिका देने का प्रयास करेगी।

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राहुल गांधी का फोकस

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी ने इस पहल को एक नई दिशा देने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि पार्टी का ध्यान ओबीसी (OBC), एससी (Scheduled Caste) और एसटी (Scheduled Tribe) वर्गों के कार्यकर्ताओं पर है। उनका बयान इस ओर इशारा करता है कि मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी अपने जिलाध्यक्षों में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, महिलाओं को भी इन नियुक्तियों में उचित स्थान देने की संभावना है।

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आदिवासी बहुल जिलों पर ध्यान

कांग्रेस पार्टी आदिवासी बहुल जिलों में अपने प्रभाव को मजबूत करने की योजना बना रही है। इन जिलों में सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, और कांग्रेस यहां सामान्य और ओबीसी वर्ग के जिलाध्यक्षों को नियुक्त करके जातिगत संतुलन बनाए रखेगी। इन जिलाध्यक्षों के पास टिकट वितरण और संगठन की रणनीति पर प्रभाव डालने की शक्ति होगी, जिससे पार्टी को बेहतर चुनावी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

बिहार में क्या बोले थे राहुल गांधी

7 अप्रैल को बिहार के पटना में राहुल गांधी के भाषण से मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन में होने वाली नियुक्तियों को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं। राहुल ने कहा था कि पहले बिहार में हमारे जिला अध्यक्षों की लिस्ट में दो तिहाई अपर कास्ट के लोग थे। अब जिला अध्यक्षों की नई लिस्ट में दो तिहाई ईबीसी, ओबीसी, दलित, माइनॉरिटी के हैं। उनके इस बयान से साफ है कि मप्र में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में दलित, आदिवासी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्गों के नेताओं को मौका दिया जाएगा।

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