संजय गुप्ता, INDORE. मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) के सबसे सर्चित हनी ट्रैप केस ( Honey Trap Case MP) की जांच एक माह में पूरी कराने और अंतिम चालान पेश करने के लिए आरोपी पक्ष की ओर से लगे आवेदन पर शनिवार को एक बार फिर कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों ने अपने तर्क रखे। सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया, जो 23 मार्च को सुनाया जाएगा।
इस आवेदन पर हुई सुनवाई
आरोपियों ने यह जांच एक महीने के भीतर करने का आवेदन धारा 173 के तहत लगाया हुआ है। इसके तहत कहा गया है कि जांच में चार साल में कुछ नहीं हुआ, ना ही पूरक चालान पेश हुआ। इसलिए कोर्ट निर्देशित करे कि एसआईटी एक माह में जांच पूरी कर प्रतिवेदन या पूरक चालान पेश करे। विशेष लोक अभियोजक राठौड़ ने बताया कि हमने इस पर आपत्ति उठाई कि किसी भी जांच के अनुसांधन अधिकारी को इस धारा के तहत शक्ति है कि वह किसी भी चरण पर अनुसंधान अपना पूरा कर सकता है। उसे जांच खत्म करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सता है।
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इसलिए दिया हनी ट्रैप नाम
आरोपियों ने यह भी कोर्ट में कहा कि पुलिस द्वारा इस केस को अनावश्यक फर्जी व कूटरचित सीडी पैनड्राइव के आधार पर बनाया गया है। बदनाम करने, आरोपियों को झूठा फंसाने के लिए इस केस को हनी ट्रैप नाम दिया गया है।
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दिसंबर 2019 में हुआ था चालान पेश
इस मामले में चालान दिसंबर 2019 में पेश हुआ और इसके बाद से ही प्रकरण में जांच ही चल रही है। कोई पूरक चालान तक पेश नहीं हुआ। इसलिए आरोपियों ने आवेदन में कहा कि इतनी लंबी जांच नहीं हो सकती है। इसलिए माननीय कोर्ट एसआईटी को आदेशित करे कि इस केस को एक माह के भीतर उचित निष्कर्ष निकालकर जांच समाप्त करें तथा अंतिम प्रतिवेदन या पूरक चालान जो भी हो इस कोर्ट को प्रस्तुत करे।
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