BHOPAL. हाउसिंग बोर्ड के बहुमंजिला बिजनेस पार्क प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका लगा है। भोपाल के टीटीनगर क्षेत्र में प्रस्तावित 11 मंजिला बिजनेस पार्क की लागत 150 करोड़ से ज्यादा है। मध्यप्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण यानी रेरा ने जमीन का हस्तांतरण न कराने के कारण मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट का पंजीयन रोक दिया है। बोर्ड द्वारा पंजीयन के लिए रेरा को जो दस्तावेज सौंपे थे उनमें भी बड़ी खामियां पाई गई हैं। इसका मतलब है कि हाउसिंग बोर्ड का यह प्रोजेक्ट अधिकारियों की लापरवाही के कारण फिर खटाई में पड़ गया है।
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रेरा की स्क्रूटनी में उजागर बोर्ड की चूक
मध्यप्रदेश हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट बोर्ड यानी एमपीएचआईडीबी भोपाल के टीटीनगर क्षेत्र बिजनेस पार्क का निर्माण करने जा रहा है। 276 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति वाले इसे 11 मंजिला बिजनेस पार्क प्रोजेक्ट के पंजीयन के लिए बोर्ड ने रेरा में आवेदन किया था। करोड़ों के प्रोजेक्ट को लेकर अतिउत्साहित अधिकारी पंजीयन प्रक्रिया में चूक कर गए। स्क्रूटनी में अधिकारियों की लापरवाही पकड़ में आ गई। मौके मिलने पर भी अधिकारी ने सुधार नहीं किया।
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हस्तांतरण के बिना स्वामित्व पर सवाल
पंजीयन के लिए बिजनेस पार्क के प्लॉट नंबर-53 का खसरा पेश किया है उसमें स्मार्ट सिटी दर्ज है। रेरा ने स्क्रूटनी के दौरान इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। रेरा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुका है कि भूमि के राजस्व अभिलेखों के आधार पर किसी व्यक्ति को स्वत्व नहीं मिल जाता। स्वत्व का हस्तांतरण पंजीकृत अभिलेख के माध्यम से ही होता है। प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित प्लॉट पर बोर्ड को स्वत्व नहीं मिला है। इसलिए प्लॉट नंबर-53 पर प्रोजेक्ट पंजीयन नहीं किया जा सकता।
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दस्तावेजों में ये कमियां भी आई सामने
दस्तावेजों के परीक्षण में पाया गया कि जो बिल्डिंग प्लान पेश किया था उसमें इकाइयां स्पष्ट नहीं थीं। पांच वर्ष के प्रोजेक्ट्स का ब्यौरा भी नहीं दिया। प्रोजेक्ट प्लॉट नंबर -53 पर प्रस्तावित है जबकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति प्लॉट नंबर-58 पर अनुमति ली गई। दस्तावेज में शेड्यूल-E और शेड्यूल H इकाइयों की संख्या 30 दर्शाई गई जबकि शुल्क पत्रक में संख्या 29 दर्ज थी। प्रोजेक्ट कमर्शियल है जबकि सेल एग्रीमेंट आवासीय अपार्टमेंट अथवा प्लॉट के पेश किए। प्रोजेक्ट के पोर्टल और रेरा को दिए गए बैंक अकाउंट अलग-अलग थे। प्रोजेक्ट में कॉमन एरिया और सुविधाओं का भी उल्लेख नहीं किया गया।
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अधिकारी भी सुधार नहीं पाए गलती
रेरा ने 17 बिंदुओं पर मिली कमियों को दूर करने का अवसर हाउसिंग बोर्ड को दो बार दिया। पहला अवसर 4 फरवरी 2025 और दूसरा मौका 4 मार्च को। बोर्ड की ओर से कार्यपालन यंत्री प्रदीप कुमार हिडाऊ रेरा के सामने पेश हुए। हांलाकि इस दौरान उनके द्वारा कमियों को दुरुस्त किया लेकिन अहम गलतियां नहीं सुधार सके। जिसको देखते हुए रेरा ने हाउसिंग बोर्ड के 150 करोड़ के बिजनेस पार्क प्रोजेक्ट का पंजीयन रोक दिया है।
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