BHOPAL. मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल से जुलाई ) के लिए लेखानुदान (अंतरिम बजट) सोमवार को विधानसभा में पेश किया। ये 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। खास बात यह है कि पिछले दो लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में सालाना बजट की 40% तक राशि का प्रावधान किया गया था।
मोहन सरकार के लेखानुदान में महिलाओं-किसानों के लिए सबसे ज्यादा राशि
शिवराज सरकार ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले जो अंतरिम बजट पेश किया था जो मुख्य बजट का 44% था। लेकिन, 2019 में कमलनाथ सरकार के अंतरिम बजट में यह राशि घट कर 41% हो गई थी। डॉ. मोहन सरकार ने भी इस बार यह राशि 41% ही रखी है। शिवराज सरकार से तुलना करें तो डॉ. मोहन सरकार के अंतरिम बजट का आकार भले ही बढ़ा है फिर भी यह तीन प्रतिशत कम है। इसमें प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं और किसानों के लिए सबसे अधिक राशि रखी गई है।
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मोहन सरकार में किसानों के लिए ज्यादा राशि का प्रावधान
शिवराज सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया ने 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विधानसभा में अंतरिम बजट पेश किया था जो 51 हजार करोड़ रुपए का था। जिसमें किसानों के लिए 2 हजार रुपए की राशि रखी गई थी। जबकि 2019 में कमलनाथ सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री तरुण भनोत ने 89 हजार करोड़ रुपए का अंतरिम बजट पेश किया था। जिसमें किसानों के लिए 6136 करोड़ रुपए रखे थे। डॉ.मोहन सरकार ने जो अंतरिम बजट पेश किया है, उसकी राशि दोनों अंतरिम बजट (2014 व 2019) की राशि कुल राशि 1 लाख 41 हजार करोड़ से ज्यादा है।
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शिवराज और कमलनाथ के अंतरिम बजट में क्या-क्या था...
2014 - ग्रामीण विकास पर था फोकस, सबसे ज्यादा 5448 करोड़ दिए थे
- शिवराज सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट (51 हजार 674 करोड़ 82 लाख रुपए ) में ग्रामीण विकास पर फोकस किया था। इस विभाग को सबसे ज्यादा 5448 करोड़ रुपए दिए थे। इसमें प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसानों को मदद के लिए करीब 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।
- जिसकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही घोषणा कर चुके थे। इसके बाद अनुसूचित जात वर्ग को प्राथमिकता दी गई थी। इस विभाग को 2365 करोड़ रुपए दिए गए थे। जबकि शहरी विकास के लिए 2275 करोड़ का प्रावधान किया गया था। शिवराज सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद 1 जुलाई को मुख्य बजट विधानसभा में पेश किया था, जो 1 लाख 17 हजार करोड़ था।
2019 में कमलनाथ सरकार का फोकस बिजली और किसानों पर
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2019- कमलनाथ ने बिजली और किसानों पर किया था फोकस
- कमलनाथ सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट ( 89,438 करोड़ रुपए ) में बिजली और किसानों पर फोकस किया था। सरकार ने सबसे ज्यादा राशि ऊर्जा विभाग को 6309 करोड़ और कृषि विभाग को 6136 करोड़ रुपए अंतरिम बजट में दिए थे। जबकि इससे पहले किसानों की कर्ज माफी का ऐलान कमलनाथ सरकार कर चुकी थी।
- इन दोनों विभागों के बाद शहरों के विकास के लिए 2928 करोड़ दिए थे। अनुसूचित जाति के लिए 2365 करोड़ और सड़कों व पुलों के लिए लोक निर्माण विभाग को 3297 करोड़ रुपए दिए थे। कमलनाथ सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद 10 जुलाई को मेन बजट विधानसभा में पेश किया था, जो 2 लाख 14 हजार करोड़ करोड़ था।
किसानों - महिलाओं पर ज्यादा फोकस की वजह
डॉ. मोहन सरकार ने सबसे ज्यादा फोकस किसानों और महिलाओं पर किया है, क्योंकि अंतरिम बजट में सबसे ज्यादा राशि इन दोनों वर्ग से जुड़े विभागों को दी गई है। कृषि विभाग को 9588 करोड़ और महिला एवं बाल विकास को 9437 करोड़ करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
जानकार कहते हैं कि दोनों वर्ग को लोकसभा चुनाव की वजह से प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश में महिला वोटर्स की संख्या 2 करोड़ 61 लाख से ज्यादा है। जबकि किसानों की संख्या 1 करोड़ 11 लाख से ज्यादा है।