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इंदौर कलेक्ट्रेट की कॉलोनी सेल ने 100 करोड़ रुपए का खेल जीरो कर दिया है। यह खेल का आधार एक आईएएस का आदेश था। यह IAS जमुना भिड़े हैं, जिनके 8 जनवरी 2024 को दिए गए आदेश को आधार बनाकर कुछ कॉलोनाइजर यह खेल रच रहे थे। यह खेल टीएंडसीपी से होते हुए इंदौर कलेक्ट्रेट तक पहुंच गया था लेकिन कॉलोनी सेल की स्क्रूटनी कमेटी, संयुक्त कलेक्टर व नोडल अधिकारी प्रदीप सोनी ने इसे पकड़ लिया।
क्या है खेल
यह खेल रंगवासा राउ के सर्वे नंबर जमीन 1/2/6, 1/2/5, 4/15, 4/16, 4/17 व अन्य सर्वे नंबर की 6.432 हेक्टेयर जमीन पर हो रहा था। इस जमीन पर कॉलोनी काटने की विकास मंजूरी के लिए राहुल पिता कमल तंवर द्वारा आवेदन किया गया। इस जमीन पर टीएंडसीपी भी 15 फरवरी 2024 को पास हो चुकी है। इस आवेदन की जब कॉलोनी सेल में जांच की गई तो सर्वे नंबर पुराने रिकार्ड में सरकारी निकले। इसके बाद संयुक्त कलेक्टर व कॉलोनी सेल प्रभारी प्रदीप सोनी ने इस मामले में जांच कराई और पूरा रिकार्ड निकाला। इसे फिर कलेक्टर आशीष सिंह के संज्ञान में लाया गया इसके बाद इस जमीन पर विकास मंजूरी के आवेदन को निरस्त कर दिया गया। यहां पर करीब 4 लाख वर्गफीट जमीन पर प्लॉट काटकर बिक्री होना थी, ढाई हजार रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से भी यह कुल सौ करोड़ रुपए का खेल था, जो अब जीरो हो गया।
संभागीय अपर आयुक्त IAS जमुना भिड़े के आदेश से भूमाफिया फायदे में, कलेक्टर गए रिवेन्यू बोर्ड
आईएएस जमुना भिड़े का आदेश क्या था
दरअसल यह जमीन सामूहिक कृषि सहकारी होकर सरकारी थी। इसे 1969 में गणेश सहकारी संस्था को खेती के लिए दी गई। इसके बाद इस जमीन का कुछ किसानों ने साल 2003-04 के करीब बंटवारा करा लिया इसके बाद साल 2023 में इस जमीन की बिक्री की मंजूरी के लिए तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैया राजाटी आवेदन लगाया गया, इसे कलेक्टर ने खारिज कर दिया। इसकी अपील अपर आयुक्त आईएएस जमुना भिड़े के पास संभागायुक्त कार्यालय में हुई और उन्होंने 8 जनवरी 2024 को कलेक्टर के आदेश को न्यायोचित नहीं बताते हुए रद्द कर दिया और इस जमीन की बिक्री कि मंजूरी दे दी। इस बिक्री के आदेश को ही आधार बनाकर कॉलोनाइजर राहुल तंवर ने एक महीने में ही टीएंडसीपी से नक्शा पास करा लिया और टीएंडसीपी ने भी बिना जमीन के सरकारी होने के रिकार्ड देखे हुए यहां निजी कॉलोनी विकास की मंजूरी जारी कर मारी।
इसी आधार पर कॉलोनाइजर ने लगा दिया आवेदन
जमुना भिड़े के आदेश से जमीन बिक्री की मंजूरी मिल गई और इसी आधार पर कॉलोनाइजर ने टीएडंसीपी का नक्शा पास कराया और उधर कॉलोनी विकास मंजूरी की फाइल कलेक्ट्रेट में लगा दी। कॉलोनाइजर को लगा यहां से भी पास हो जाएगी। लेकिन इसी दौरान कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर कलेक्टर का पद संभाला और कॉलोनी सेल में भी बदलाव कर दिए। उनके संज्ञान में पहले अपर आयुक्त जमुना भिड़े का आदेश आया कि बिक्री की मंजूरी मिल गई है। इस पर उन्होंने एसडीएम राउ विनोद राठौर को आदेश देकर राजस्व बोर्ड में इसके खिलाफ अपील करा दी। जो अभी प्रक्रियाधीन है। उधर बिल्डर ने चुपचाप यह खेल रचने की तैयारी कर ली, जिसे कॉलोनी सेल ने जीरो कर दिया।
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