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5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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मुस्लिम समाज में शिक्षा बनाम कट्टरता : नियाज खान की दो टूक
रिटायर्ड IAS नियाज खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने विचार साझा किए। उनका साफ कहना है- “मुस्लिम समाज में जिसने शिक्षा चुनी, वह लंदन-न्यूयॉर्क में मेयर, अमेरिका में गवर्नर या लेफ्टिनेंट गवर्नर तक बन पाया। लेकिन जो केवल कट्टरता और अंधविश्वास की राह पर चला, उसकी प्रगति रुक गई, जीवन साधारण कामों तक सिमट कर रह गया।”
क्यों जरूरी है शिक्षा को रामबाण मानना?
नियाज खान का मानना है कि शिक्षा मुस्लिम समाज के लिए रामबाण है। इसकी अहमियत समझना सबसे जरूरी है, क्योंकि यही सफलता दिला सकती है। उनकी पोस्ट को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना मदनी के हालिया बयान से भी जोड़ा जा रहा है, जिसमें भारतीय मुस्लिमों की सीमित प्रगति का जिक्र हुआ था।
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नियाज खान का ट्वीट देखिए
जिस मुस्लिम ने शिक्षा प्राप्त की वह लंदन, न्यूयॉर्क का मेयर बना तो अमेरिका में गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर बना। जिस मुस्लिम ने कट्टरता और अंधविश्वास की शिक्षा ली वो मैकेनिक, महिलाओं पर अन्याय करने वालाऔर पंक्चर बनाने वाला बना। शिक्षा मुस्लिमों के लिए रामबाण औषधि है, समझें इसे।
— NIYAZ KHAN (@saifasa) November 23, 2025
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सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
खान की पोस्ट पर प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं। किसी ने समर्थन किया, तो किसी ने कहा- समझाने से कोई भी तुरंत नहीं समझता। कुछ ने यह भी जोड़ा कि शिक्षा हर समाज के लिए जरूरी है, न कि सिर्फ मुस्लिमों के लिए।
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नियाज खान की पिछली चर्चित बातें
पहले भी आईएएस नियाज खान चर्चा में रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अफ्रीकी देशों में अंधविश्वास और बाबाओं के बढ़ते प्रभाव पर भी टिप्पणी की थी। उनकी नजर में, समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब अंधविश्वास की जगह विज्ञान और शिक्षा को अहमियत दी जाए।
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आखिर में- समाज के लिए सबक
इस पूरी बहस का सार यही है कि शिक्षा किसी भी समाज के लिए तरक्की का रास्ता खोलती है। कट्टरता, अंधविश्वास या संकीर्ण सोच केवल पिछड़ापन और सीमितता बढ़ाती है। समाज को सोच बदलनी होगी ताकि हर व्यक्ति आगे बढ़ सके।
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