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Photograph: (the sootr)
31 अक्टूबर 2025 को आईएएस नियाज खान रिटायर हो गए हैं। इन दिनों वे केरल में छुट्टियां मना रहे हैं। बड़ा सवाल ये है कि वे आगे क्या करेंगे? वैसे तो उनकी प्राथमिकता पर्यावरण संरक्षण है। कोई अच्छा ऑफर मिलने पर वे राजनीति में भी खुद को आजमा सकते हैं।
राजनीति में आने को लेकर करवा चुके हैं पोल
अपने रिटायरमेंट के कुछ महीने पहले आईएएस नियाज खान ने सोशल मीडिया पर एक पोल कराया था। इसमें उन्होंने पूछा था कि राजनीति में आना चाहिया या नहीं? इसके जवाब में ज्यादातर लोगों ने उन्हें सलाह दी थी कि राजनीति उनके लिए ठीक नहीं है। हालांकि वे कहते हैं कि किसी अच्छे प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।
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आईएएस नियाज खान की जीवनी का नाम है- टियर्स ऑफ एसिड
नियाज खान ने बताया कि नौकरी के दौरान लिखने के लिए कम समय मिलता था । साथ ही खुलकर लिखना भी मुमकिन नहीं था। अब मैं अपनी खुद की जीवनी लिखने जा रहा हूं। इसका टाइटल होगा- टियर्स ऑफ एसिड। वे कहते हैं किताब लिखने में थोड़ा वक्त लगेगा। बता दें कि नियान खान अब तक 11 अंग्रेजी उपन्यास लिख चुके हैं। इनमें द ग्रेट ब्राह्मण खासा चर्चित रहा है।
किताब लिखने का इरादा और अन्य विवादित बयान
नियाज खान ने 11 अंग्रेजी किताबें लिखी हैं। वे अब अपनी आत्मकथा "टियर्स ऑफ एसिड" लिखने की योजना बना रहे हैं। वे ब्राह्मणों के पक्ष में भी कई विवादित बयान दे चुके हैं, जैसे ब्राह्मणों को देश का मूल आधार मानना और नफ़रत खत्म करने की बात करना। उन्होंने धर्मांतरण और धार्मिक मामलों पर भी अपनी राय व्यक्त की है।
आईएएस नियाज खान के चर्चित बयान...मार्च 2022: उन्होंने फिल्म "The Kashmir Files" पर विवादित ट्वीट्स किए, जिसमें उन्होंने भारत के मुसलमान की भी पीड़ा को दिखाने की मांग की। इस पर मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें नोटिस जारी किया था।​ जून 2023: उन्होंने कहा कि बॉलीवुड धार्मिक रूपांतरणों के लिए जिम्मेदार है और विवाह के बाद धर्म परिवर्तन गलत है। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां सभी धर्म समान हैं।​ फरवरी 2025: नियाज खान ने कहा कि "इस्लाम तो अरब का धर्म है, भारत में सभी लोग हिंदू थे। हिंदू से मुसलमान बनाए गए थे।" उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे हिंदुओं को अपना भाई मानें। इस बयान से विवाद उत्पन्न हुआ और इस पर मीडिया में हंगामा हुआ। मार्च 2025: उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि ब्राह्मण देश के लिए जरूरी हैं, यदि उन्हें अलग-थलग रखा गया तो देश को नुकसान होगा। जून 2025: बकरीद से पहले उन्होंने पशु कुर्बानी पर बयान दिया कि पशु शिकार और खून बहाना उचित नहीं है, पर्यावरण सुरक्षा जरूरी है। इस पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और उनपर आरोप लगाए गए कि वे इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जुलाई 2025: उन्होंने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में आने की संभावना जताई और जनता से राय मांगी। |
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