/sootr/media/media_files/2024/12/22/8gdcPyMFb6eiu0bB61H9.jpg)
आईएएस सर्विस मीट के पहले दिन सीधी भर्ती से जुड़े आईएएस अधिकारियों के लिए बनाए गए वॉट्सऐप ग्रुप में एक अहम चर्चा हुई। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में पदस्थ मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश्वर पाटिल ने एक कांसेप्ट नोट पोस्ट कर सुझाव दिया कि सीधी भर्ती वाले आईएएस अधिकारियों को 14 वर्षों की सेवा में कम से कम चार साल की कलेक्टरी जरूर मिलनी चाहिए। उनका कहना था कि इस तरह की फील्ड पोस्टिंग न केवल अधिकारियों को जमीनी अनुभव देती है बल्कि उन्हें प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को भी बेहतर ढंग से समझने का अवसर मिलता है।
फिर छलका नेहा मारव्या का दर्द
इस सुझाव पर आईएएस नेहा मारव्या ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए लिखा कि 14 वर्षों की नौकरी में उन्हें एक बार भी फील्ड पोस्टिंग का अवसर नहीं मिला। उन्होंने वॉट्सऐप ग्रुप पर अंग्रेजी में लिखा, मुझे साढ़े तीन साल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उप सचिव के पद पर रखा गया और उसके बाद से ढाई साल से राजस्व विभाग में बिना किसी काम के उप सचिव बना दिया गया है।
"9 महीने से सिर्फ ऑफिस आना-जाना हो रहा है"
IAS नेहा मारव्या ने अपनी स्थिति को बेहद निराशाजनक बताते हुए लिखा कि पिछले 9 महीने से उनका काम सिर्फ ऑफिस आना और दीवारों को देखते हुए समय बिताना भर रह गया है। उन्होंने अपनी स्थिति को "दीवारों में कैद" कहकर बयां किया और लिखा कि वह अकेलेपन का दर्द भली-भांति समझ सकती हैं।
जूनियर्स के लिए संकल्प
नेहा मारव्या ने अपने जूनियर अधिकारियों का हौसला बढ़ाते हुए लिखा, मैं अपने जूनियर्स को यह भरोसा दिलाती हूं कि कोई भी अकेला नहीं रहेगा। मैं हर संभव मदद करूंगी, चाहे मैं किसी भी पद पर रहूं। उन्होंने इस भावना के साथ अपने जूनियर्स का समर्थन करने का संकल्प लिया।
फील्ड पोस्टिंग की अनदेखी पर बहस
यह घटना फील्ड पोस्टिंग को लेकर आईएएस अधिकारियों के बीच लंबे समय से चली आ रही बहस को उजागर करती है। कई अधिकारी फील्ड पोस्टिंग को उनके करियर विकास और अनुभव का अहम हिस्सा मानते हैं। हालांकि, कुछ अधिकारियों को इस तरह की पोस्टिंग के अवसर नहीं मिल पाते, जिससे उनमें असंतोष बढ़ता है।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक