सोशल मीडिया पोस्ट से बदला IAS नेहा मारव्या का करियर, 14 साल बाद मिली कलेक्टरी

नेहा मारव्या सिंह की कहानी एक संघर्ष और धैर्य की मिसाल है, जिन्होंने 14 वर्षों तक कलेक्टर पद के लिए इंतजार किया। उत्तर प्रदेश में जन्मी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीटेक करने के बाद...

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
THESOOTR
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

कुछ सपने वक्त मांगते हैं और कुछ सपने धैर्य। मध्यप्रदेश कैडर की IAS नेहा मारव्या सिंह की कहानी भी ऐसे ही सपने की है, जिसने वक्त भी लिया और तमाम कठिनाइयों की परीक्षा भी ली। लेकिन जब मंजिल मिली तो वो केवल एक पद नहीं था, बल्कि 14 साल के 'वनवास' के बाद मिला 'न्याय' था।

22 अगस्त 1986 को उत्तर प्रदेश में जन्मीं नेहा मारव्या सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पैतृक जिले में पूरी की। बाद में उन्होंने प्रयागराज (इलाहाबाद) विश्वविद्यालय से बीटेक किया। पढ़ाई के बाद उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाने का निश्चय किया और 2010 में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। IAS चयन के बाद उन्हें मध्यप्रदेश कैडर मिला।

ट्रेनिंग और सामान्य प्रशासनिक जिम्मेदारियों के बावजूद उन्हें कलेक्टर बनने का अवसर नहीं मिला। एक IAS अधिकारी के लिए जिले की कमान संभालना सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, लेकिन नेहा को इस मौके के लिए उन्हें एक दशक का लंबा इंतजार करना पड़ा। 

2025 में हुई IAS सर्विस मीट से पहले उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपना दर्द बयां किया, जो तेजी से वायरल हो गया। इस पोस्ट में उन्होंने 14 वर्षों से कलेक्टर पद से वंचित रहने की पीड़ा जाहिर की। यह पोस्ट ही वह मोड़ बनी, जिसने अंततः उन्हें डिंडोरी जिले का कलेक्टर बना दिया।

खबर यह भी...IAS Girish Kumar Mishra: कभी पेड़ के नीचे बैठकर तो कभी दोस्तों से किताबें मांगकर की पढ़ाई और पा लिया मुकाम

रोक दिया था कलेक्टर की कार का भुगतान

नेहा मारव्या सिंह ने अपने प्रशासनिक करियर में कई बार बड़े फैसले लिए। शिवपुरी जिला पंचायत की सीईओ रहते हुए उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उपयोग की जा रही निजी सफारी गाड़ी का भुगतान यह कहकर रोका दिया कि यह निर्धारित दर से अधिक था। उन्होंने बिना दबाव में आए चार महीने तक भुगतान नहीं होने दिया।

फिर मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद में रहते हुए उन्होंने भर्ती घोटाले में CCF पद से रिटायर अफसर ललित बेलवाल के खिलाफ FIR की अनुशंसा की। इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव के करीबी अफसरों और मुख्यमंत्री कार्यालय से भी टकराव हुआ और ​भी ऐसे मामले सामने आए।

कुल मिलाकर नेहा जिस भी पद पर रहीं, वहां नियमों के साथ काम किया। उनके कार्यकाल के दौरान कई फेरबदल हुए, लेकिन उन्होंने कभी समझौता नहीं किया। कृषि विभाग में रहते हुए बार-बार ड्राइवर बदलने के आरोपों को लेकर भी वे चर्चा में रहीं।

खबर यह भी....पढ़ाई का जुनून ऐसा कि 3 किमी पैदल स्कूल जाते थे IAS शीलेंद्र सिंह, तंगी के बीच पाया मुकाम

प्रोफाइल पर एक नजर

 नाम: नेहा मारव्या सिंह 
जन्म दिनांक: 22 अगस्त 1986
जन्म स्थान: उत्तरप्रदेश 
एजुकेशन: B. Tech. (Comp. Sc. & Engg.)
बैच: 2011 (मध्यप्रदेश)

खबर यह भी...IAS नेहा मीना की अनोखी पहल... कुपोषण काबू करने 'मोटी आई' है और कचरे से बन रहीं कलाकृतियां

पदस्थापना

आईएएस नेहा मारव्या सिंह वर्तमान में संचालक विमुक्त घुमन्तु एवं अर्धघुमन्तु जनजाति, भोपाल के पद पर कार्यरत हैं। इसके पहले वो डिंडोरी जिले की कलेक्टर थीं। वे अशोकनगर में एसडीएम, भोपाल एसडीएम, बैतूल एसडीएम भी रह चुकी हैं। उन्होंने जिला पंचायत सीईओ जबलपुर, जिला पंचायत सीईओ दतिया, राजस्व विभाग में उप सचिव और मध्यप्रदेश रोजगार गारंटी परिषद की एडिशनल सीईओ का पद भी संभाला है।

thesootr links

आईएएस नेहा मारव्या आईएएस नेहा मारव्या सिंह Bureaucracy Bureaucracy News News of Madhya Pradesh bureaucracy IAS MP News मध्य प्रदेश
Advertisment