IAS Girish Kumar Mishra: कभी पेड़ के नीचे बैठकर तो कभी दोस्तों से किताबें मांगकर की पढ़ाई और पा लिया मुकाम

घर की स्थिति देखते हुए गिरीश की शुरुआत एजुकेशन सरकारी स्कूल में पेड़ के नीचे बैठकर हुई। वे हमेशा आदर्श बच्चों की श्रेणी में आते थे, उनका बचपन से ही सपना था कि बड़े होकर वह डॉक्टर बनेंगे। 

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The Sootr
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Photograph: (the sootr)

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डर मुझे भी लगा फासला देख कर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर,
खुद ब खुद मेरे नजदीक आती गई, मेरी मंजिल मेरा हौसला देखकर।।

भोपाल. कहने को तो ये महज कुछ प्रेरणादायक पंक्तियां हैं, लेकिन इन्हें जिया है आईएएस डॉ.गिरीश कुमार मिश्रा ने। कहते हैं कि सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती और ना ही देखा हुआ हर सपना पूरा होता है, लेकिन कुछ लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर देते हैं। कुछ ऐसे ही हैं आईएएस डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा।

उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव में जन्मे गिरीश कुमार बचपन से शांत, भावुक और सरल स्वभाव के रहे हैं। उनके पिता उसी गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक रहे और मां गृहणी। पिता का स्वभाव गिरीश के चरित्र पर अलग ही छाप छोड़े हुए है। घर की स्थिति देखते हुए गिरीश की शुरुआत एजुकेशन सरकारी स्कूल में पेड़ के नीचे बैठकर हुई। वे हमेशा आदर्श बच्चों की श्रेणी में आते थे, उनका बचपन से ही सपना था कि बड़े होकर वह डॉक्टर बनेंगे। 

डॉक्टर बनकर पूरा किया सपना और फिर...

गिरीश ने अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए पशु चिकित्सा विज्ञान यानी वेटरनरी साइंस में डिग्री हासिल की और वेटरनरी डॉक्टर बनकर अपना सपना पूरा कर लिया। कुछ समय तक प्रैक्टिस भी की, लेकिन बाद में उन्हें यह अहसास हुआ कि उन्हें आगे और कुछ करना है। 
फिर क्या था, यहीं से शुरू हुआ उनका आईएएस बनने का सफर। इसके बाद गिरीश कुमार मिश्रा ने लखनऊ की ओर रुख किया और लग गए भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी में। यहां भी ईश्वर गिरीश कुमार की कड़ी परीक्षा ले रहे थे। कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद गिरीश कुमार मिश्रा साल 2012 में भारतीय वन सेना सेवा में शामिल हुए, लेकिन शायद नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। उन्होंने फिर तैयारी की। मेहनत की और इसका परिणाम मिला आईएएस के रूप में। वे 2013 में आईएएस अफसर बन गए।

पिता सरकारी शिक्षक, मां गृहणी 

आपको बता दें कि आईएएस गिरीश कुमार मिश्रा के परिवार में हमेशा से शिक्षा को महत्व दिया गया। सामान्य ब्राह्मण परिवार से आने वाले मिश्रा के पिता सरकारी शिक्षक रहे। मां भले ही गृहणी रहीं, लेकिन बच्चों को हमेशा जीवन में वही सिखाया जो सही है। डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा की पत्नी मीना मिश्रा 2011 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं। वे भी एमपी कैडर में हैं। दोनों की मुलाकात फॉरेस्ट अकेडमी में हुई थी। इसके बाद शादी का फैसला किया था। 

रोचक कार्य शैली 

आईएएस मिश्रा की कार्य शैली न केवल दूसरों से अलग है, बल्कि रोचक भी है। वह जनता से सीधे तौर पर संवाद करना पसंद करते हैं। आईएएस मिश्रा का मानना है कि अपने से नीचे तबके के व्यक्तियों के साथ जुड़े रहो, ताकि आम जन की समस्याओं को जड़ से समझा जा सके। उन्होंने ग्रामीण विकास, कानून व्यवस्था, रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा और विकास कार्यों के क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आईएएस डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा कहते हैं कि युवाओं को अपना आत्म मूल्यांकन करना चाहिए। सही दिशा में मेहनत करते हुए अपने सपनों को साकार करें और देश के विकास में भूमिका अदा करें।

कॅरियर एक नजर 

नाम: डॉ.गिरीश कुमार मिश्रा 
जन्म दिनांक: 25-09-1984
जन्म स्थान: जौनपुर, उत्तरप्रदेश 
एजुकेशन: M.V.Sc. (Veterinary Pharmacology)
बैच: 2013 

पदस्थापना 

7 मार्च 2025 की स्थिति में आईएएस मिश्रा राजगढ़ जिले के कलेक्टर के पद पर अपना दायित्व निभा रहे हैं। इसके पहले वे बालाघाट कलेक्टर, पन्ना-दमोह में जिला पंचायत सीईओ, SDM सुजालपुर और छतरपुर में भी विभिन्न दायित्व संभाल चुके हैं। आईएएस गिरीश मिश्रा को बच्चों के साथ समय बिताना और उनके साथ खेलना, पढ़ाना पसंद हैं। उन्हें कविताएं लिखना भी खूब भाता है।

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