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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. अब मध्य प्रदेश कैडर के प्रशासनिक अधिकारी अपनी चल- अचल संपत्ति को नहीं छिपा सकेंगे। उन्हें हर साल जनवरी माह के अंत तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा केंद्र सरकार के पोर्टल स्पैरो (fcisparrow.in) पर ऑनलाइन दर्ज करना होगा।
इसके लिए केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत मंत्रालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं। 31 जनवरी तक संपत्ति का ब्यौरा अपलोड नहीं करने पर वेतन और पदोन्नति रोकी जा सकती है।
अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने आईएएस अधिकारियों द्वारा संपत्ति का ब्यौरा देने में की जा रही टालमटोल को देखते हुए यह व्यवस्था की है।
आधे अधिकारी दे रहे संपत्ति का ब्यौरा
प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था को संभालने वाले मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी नियमानुसार अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे रहे हैं। अधिकारियों को हर साल चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराना होता है। नियम के बाद भी ज्यादातर अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
एमपी कैडर में आईएएस अधिकारियों के 459 पद हैं जिनके विरुद्ध 377 अधिकारी पदस्थ हैं। इनमें से कुछ अधिकारी ही नियमित रूप से अपनी संपत्ति की जानकारी सरकार को उपलब्ध करा रहे हैं। कुछ अधिकारी साल- दो साल में जानकारी देते हैं। शेष जानकारी देने से पल्ला झाड़ लेते हैं या अधूरा ब्यौरा ही उपलब्ध कराते हैं।
जानकारी छिपाने पर होगी कार्रवाई
संपत्ति का ब्यौरा हर साल देने की पाबंदी की अनदेखी की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सख्ती दिखाई है। मंत्रालय ने देश भर के आईएएस अधिकारियों को संपत्ति का ब्यौरा केंद्र सरकार के पोर्टल स्पैरो पर अपलोड करना अनिवार्य किया है। इसके तहत मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अफसरों को भी हर साल 31 जनवरी तक अपनी चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा इस पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
इसमें अधिकारी द्वारा अपने, पत्नी या फिर परिजन के नाम पर खरीदी गई चल- अचल संपत्ति की जानकारी दर्ज कराना जरूरी है। पोर्टल पर जानकारी दर्ज न करने या छिपाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है।
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अटक सकती है वेतन और पदोन्नति
केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय यानी डीओपीटी द्वारा अखिल भारतीय सेवा कंडक्ट रूल 1968 के नियम 16(2) के आधार पर निर्देश जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जो अधिकारी 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज नहीं करेंगे उनकी पदोन्नति प्रभावित हो सकती है।
ऐसे अधिकारियों का वेतन भी रोका जा सकता है। अधिकारी पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने से बचने के लिए ओटीपी नहीं मिलने या दूसरे तकनीकी कारणों का हवाला भी अब नहीं दे सकेंगे। वहीं यह जानकारी 31 जनवरी तक अपलोड करना होगा क्योंकि आधी रात यानी 12 बजे के बाद पोर्टल स्वत: लॉक हो जाएगा।
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इसलिए मंत्रालय ने दिखाई सख्ती
लोकसभा में मार्च 2025 में स्थायी समिति की 145 वी रिपोर्ट में वर्ष 2024 में 91 आईएएस अधिकारियों द्वारा संपत्ति का ब्यौरा न देने का उल्लेख किया गया था। समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2023 में भी 73 अधिकारियों ने जानकारी छिपाई थी। मध्य प्रदेश कैडर के 12 अधिकारी सालाना ब्यौरा नहीं दे रहे हैं और 20 आईएएस द्वारा जानकारी अनियमित रूप से दी जा रही है।
समिति ने अधिकारियों द्वारा अनिवार्यता के बावजूद अपनी संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराने पर गंभीर चिंता जताई थी। इसके साथ ही समिति ने ऐसे अधिकारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा भी की थी। इसके बाद केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा देश के सभी राज्यों में कार्यरत आईएएस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। आईएएस संपत्ति विवरण
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