BHOPAL. राजधानी भोपाल में शुक्रवार, 20 दिसंबर से तीन दिनी आईएएस सर्विस मीट (IAS Service Meet) का आगाज हो गया। प्रदेशभर के अफसर इसमें धूम मचाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने आईएएस मीट का विधिवत शुभारंभ किया। इस बीच सामान्य प्रशासन विभाग की दो अलग अलग शाखाओं के दो अलग-अलग आदेश चर्चा में हैं। दोनों की अपनी अपनी शर्तें हैं। ऐसे में जब द सूत्र ने प्रदेश के कुछ कलेक्टर्स से बात की तो उन्होंने कहा कि जीएडी के आदेश बाद में देख लेंगे, अभी तो सर्विस मीट में जाएंगे। सालभर में एक तो आयोजन होता है, उसमें भी आदेश-निर्देश देखेंगे तो कैसे चलेगा।
जीएडी कार्मिक का यह है आदेश
दरअसल, जीएडी कार्मिक और जीएडी ने दो आदेश जारी किए हैं। कार्मिक ने लिखा है कि सेमिनार और सर्विस मीट में भाग लेने के लिए अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं। इसके तहत संभागीय आयुक्त यानी कमिश्नर, कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी यानी जिला पंचायत सीईओ मुख्यालय छोड़ने से पहले अपने क्षेत्र की कानून-व्यवस्था की स्थिति का पूरी तरह से आकंलन करें। मीट के बाद सभी अधिकारी 23 दिसंबर को कार्यालय समय में वापस लौटना सुनिश्चित करें। कमिश्नर अपने संभाग के सभी जिलों की कानून-व्यवस्था की समीक्षा करें। यदि किसी जिले में कानून व्यवस्था की संवेदनशील या खराब स्थिति हो, तो उस जिले के जिम्मेदार अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
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जीएडी ने सुशासन दिवस पर क्या कहा
वहीं, जीएडी ने अलग से एक आदेश जारी किया है, इसमें प्रदेश के सभी आईएएस अधिकारियों को सुशासन दिवस को लेकर गाइडलाइन दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने बाकायदा इसके लिए आदेश भी जारी किया है। इस आदेश में लिखा है कि 19 दिसंबर से 24 दिसंबर के बीच प्रदेश में सुशासन सप्ताह मनाया जाना है। इसके लिए प्रशासन गांव की ओर थीम तय की गई है। यानी प्रशासनिक अधिकारियों को गांव में जाकर सरकार की योजनाओं से गांव वालों को रुबरू कराना है। इस कार्यक्रम के तहत लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका तत्काल निराकरण भी करना है।
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कलेक्टर बोले- बाद में देखेंगे जीएडी को
अब ऐसे में बड़ा सवाल यही था कि जब आईएएस अधिकारी और कलेक्टर तीन दिन भोपाल में होने वाली सर्विस मीट में रहेंगे तो गांव की ओर प्रस्थान करेगा कौन? इसे लेकर 'द सूत्र' ने कुछ कलेक्टर्स से बात की। लगभग सभी ने अव्वल तो जीएडी के आदेशों पर हैरानी जताई। बोले, आदेश निकालने वाले भी हमारी ही बिरादरी के हैं, उन्हें पता नहीं है क्या कि मीट होने वाली है। दूसरा, ज्यादातर कलेक्टर्स ने कहा कि आदेश निर्देश बाद में देख लेंगे, हम तो आईएएस सर्विस मीट में शामिल हो रहे हैं।
मैदानी अमला संभाल लेगा सब काम
एक कलेक्टर ने कहा, हम मीट में शामिल हो रहे हैं। मैदानी अमला सब काम संभाल लेगा। दूसरे कलेक्टर बोले, सर्विस मीट साल में एक बार होती है। 22 को यहां से फ्री होकर 23, 24 और 25 दिसंबर को जीएडी का आदेश मानते हुए गांव की ओर प्रस्थान कर जाएंगे। एक कलेक्टर ने कहा, जिलों में एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार सहित तमाम अधिकारी होते हैं, उन्हें सुशासन दिवस के संबंध में सबकुछ बता दिया है। वे सब काम कर लेंगे। एक अन्य कलेक्टर ने कहा, हम फोन पर तो एवलेवल हैं ही। सब काम हो जाता है। जहां तक सवाल सुशासन दिवस का है तो हमारे जिले में उसकी एक्टिविटी चल रही हैं।
बुंदेलखंड के जिलों के कलेक्टर नहीं आए
हालांकि, सर्विस मीट में बुंदेलखंड के जिलों के कुछ कलेक्टर नहीं आ सके। इसकी वजह 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा बताया जा रहा है। पीएम मोदी छतरपुर जिले के खजुराहो में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। बुंदेलखंड के जिलों में इसे लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं। गांव गांव में कई तरह की एक्टिविटी हो रही हैं। लिहाजा, इन जिलों के चुनिंदा कलेक्टर्स ने सर्विस मीट से दूरी बनाई है।
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