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आयकर विभाग ने गुरुवार को राजधानी के न्यू मार्केट स्थित अलंकार ज्वेलर्स और चूनाभट्टी स्थित गोल्डन सिटी बिल्डर के दफ्तरों पर सर्वे की कार्रवाई शुरू की। यह सर्वे दोपहर बाद शुरू किया गया, और आयकर विभाग को इन प्रतिष्ठानों से करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा होने की संभावना है। आयकर टीम की यह कार्रवाई इन दोनों प्रतिष्ठानों के व्यापारिक लेन-देन और टैक्स बचाने के प्रयासों की गहरी जांच करने के लिए की जा रही है।
सोने के आभूषणों की बिक्री पर जांच
न्यू मार्केट स्थित अलंकार ज्वेलर्स में आयकर विभाग द्वारा की जा रही जांच का मुख्य कारण सोने के आभूषणों की बिक्री में वास्तविक कीमत को छिपाना है। बताया जा रहा है कि अलंकार ज्वेलर्स के संचालकों ने टैक्स बचाने के लिए पक्के बिल जारी नहीं किए और बोगस बिलों का सहारा लिया। आयकर विभाग की टीम ने यहां के रिकॉर्ड और बिलों की जांच शुरू कर दी है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो सकता है कि यह प्रतिष्ठान आयकर चोरी के मामलों में कितनी गंभीरता से शामिल है।
भूमि और भवन के बिक्री में टैक्स चोरी
इसके साथ ही, आयकर विभाग ने चूनाभट्टी स्थित गोल्डन सिटी के संचालक मनीष जैन के दफ्तर पर भी सर्वे शुरू किया है। मनीष जैन पर आरोप है कि उन्होंने भूमि और भवन के बिक्री में सभी प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं किया और नगद लेन-देन भी किया। यह कार्रवाई मनीष जैन द्वारा टैक्स की चोरी करने के आरोपों को लेकर की जा रही है। मनीष जैन को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव का करीबी बताया जा रहा है, जो इस मामले को और अधिक विवादास्पद बना रहा है।
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सौरभ अग्रवाल पर 15 करोड़ की टैक्स चोरी
इसी प्रकार, आयकर विभाग ने पहले चूना भट्टी स्थित अल्फा कम्युनिकेशन और अल्फा सॉल्यूशंस के संचालक सौरभ अग्रवाल के ठिकाने पर होली के पहले चार दिन तक लगातार सर्वे की कार्रवाई की थी। इस सर्वे के बाद सौरभ अग्रवाल के यहां से करीब 15 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि सौरभ अग्रवाल ने टैक्स की राशि सरेंडर नहीं की है, और इस मामले में कुछ और लोगों के बयान लेने के बाद आयकर विभाग टैक्स चोरी के आदेश जारी करेगा।
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आयकर विभाग की कड़ी कार्रवाई
आयकर विभाग द्वारा इन सर्वे की कार्रवाई से यह साबित होता है कि विभाग टैक्स चोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में कोई नरमी नहीं बरत रहा है। इन सभी मामलों में संबंधित अधिकारियों और व्यापारियों पर गंभीर कार्रवाई की संभावना है। आयकर विभाग ने अपनी जांच को और अधिक व्यापक बनाने की योजना बनाई है, जिससे इन सभी मामलों का सही तरीके से निपटारा किया जा सके।