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भारत के नदियों में डॉल्फिनों पर किए गए पहले व्यापक सर्वेक्षण में यह पता चला कि देश के आठ राज्यों में 6 हजार 327 डॉल्फिन हैं। ये डॉल्फिन मुख्य रूप से गंगा (Ganga), ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra) और सिंधु (Indus) नदियों में पाई गई हैं। रिपोर्ट में पता चला है कि सबसे ज्यादा डॉल्फिन उत्तर प्रदेश और बिहार में मौजूद हैं। वहीं सबसे कम पंजाब में डॉल्फिन हैं।
प्रोजेक्ट डॉल्फिन और सर्वेक्षण का महत्व
2020 में शुरू किए गए प्रोजेक्ट डॉल्फिन (Project Dolphin) के तहत इस सर्वेक्षण को किया गया था। इस सर्वेक्षण ने भारत में डॉल्फिनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है।
संकटग्रस्त प्रजातियां और संरक्षण की आवश्यकता
भारत में मीठे पानी की दो प्रमुख डॉल्फिन प्रजातियां हैं- गंगा डॉल्फिन और सिंधु डॉल्फिन। दोनों प्रजातियां संकटग्रस्त (Endangered) हैं और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची में सूचीबद्ध हैं। इनका संरक्षण विशेष रूप से जरूरी है।
सर्वेक्षण में पाई गई डॉल्फिनों की संख्या
सर्वेक्षण में 28 नदियों के 8 हजार 507 किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सबसे अधिक 2,397 डॉल्फिन, बिहार (Bihar) में 2 हजार 220, और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 815 डॉल्फिन पाई गईं। असम (Assam) में 635, झारखंड (Jharkhand) में 162, जबकि पंजाब (Punjab) में केवल 3 डॉल्फिन पाई गईं। वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश में 95-95 डॉल्फिन हैं।
कहां कितनी डॉल्फिन ?
राज्य | डॉल्फिनों की संख्या |
---|---|
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) | 2,397 |
बिहार (Bihar) | 2,220 |
पश्चिम बंगाल (West Bengal) | 815 |
असम (Assam) | 635 |
झारखंड (Jharkhand) | 162 |
राजस्थान (Rajasthan) | 95 |
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) | 95 |
पंजाब (Punjab) | 3 |
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डॉल्फिनों के आवास और संरक्षण के उपाय
सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉल्फिन एक "अंब्रेला प्रजाति" (Umbrella Species) के रूप में कार्य करती हैं। उनका संरक्षण नदी पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता पर सीधा प्रभाव डालता है। इस परियोजना का उद्देश्य वैज्ञानिक आधार पर डॉल्फिनों के संरक्षण के लिए सभी संबंधित पक्षों को एक साथ लाना है।
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