MP-CG में बिहार-UP से ज्यादा गरीब लोग, ये राज्य टॉप पर, क्या कहते हैं आंकड़े, जानें

भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों की संख्या पिछले 12 वर्षों में काफी घट गई है। 2011-12 में यह आंकड़ा 29.5% था, जो अब सिर्फ 4% रह गया है।

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Raj Singh
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भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों की संख्या में पिछले 12 वर्षों में काफी गिरावट आई है। साल 2011-12 में यह आंकड़ा 29.5% था, जो अब घटकर सिर्फ 4% रह गया है। यह आंकड़े रंगराजन कमेटी (2014) द्वारा तैयार किए गए फॉर्मूले से सामने आए हैं। इस फॉर्मूले के अनुसार, 1 हजार 410 रुपए से कम खर्च करने वाला व्यक्ति शहरी क्षेत्रों में और 900 रुपए से कम खर्च करने वाला व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब माना जाता है।

राज्यवार गरीबी में कमी

इस दौरान, यूपी और बिहार ने गरीबी को कम करने में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है। बिहार में 12 साल पहले गरीबी 41.3% थी, जो अब घटकर 4.4% हो गई है। वहीं, यूपी में यह आंकड़ा 40% से घटकर 3.5% हो गया है। दूसरी ओर, महाराष्ट्र में गरीबी 20.1% से घटकर 5.9% पर आ गई है। वहीं मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां भी पिछले 12 सालों में गरीबी में तेजी से कमी आई है लेकिन बिहार और यूपी से ज्यादा यहां लोग गरीब है।

गरीबी में कमी: राज्यवार आंकड़े (2023-24 और 2011-12)

राज्य साल 2023-24  साल 2011-12
छत्तीसगढ़ 11.3% 47.5%
मध्य प्रदेश 6.0% 44.2%
बिहार 4.4% 41.3%
झारखंड 12.5% 42.5%
उत्तर प्रदेश 3.5% 40.0%
राजस्थान 4.8% 21.8%
हरियाणा 0.9% 12.5%
पंजाब 0.2% 11.3%
गुजरात 2.7% 27.2%
महाराष्ट्र 5.9% 20.1%

यह आंकड़े बताते हैं कि अलग-अलग राज्यों में 2011-12 से 2023-24 तक गरीबी में तेजी से कमी आई है। सबसे कम गरीबी वाले राज्य जैसे पंजाब और हरियाणा में गरीबों की संख्या 1% से भी कम हो गई है। वहीं सबसे ज्यादा गरीब ( 12.5% ) झारखंड में हैं।

मुफ्त योजनाओं का असर

गरीबी में इस गिरावट के पीछे सरकार की कई योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। मुफ्त अनाज योजना, आयुष्मान भारत, और महिलाओं को मिलने वाली कैश ट्रांसफर जैसी योजनाओं ने गरीबी को घटाने में मदद की है। सरकार के मुताबिक, पहले सरकारी गोदामों में अनाज सड़ता था, लेकिन अब यह लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।

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गरीबी में कमी के बावजूद मुफ्त राशन

सरकार द्वारा 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, और यह सवाल उठता है कि अगर गरीबी घट रही है तो ये योजनाएं क्यों चल रही हैं? सरकार के अनुसार, इन योजनाओं का उद्देश्य लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाना है, और इनसे गरीबों की स्थिति में सुधार हुआ है।

आलोचना और विरोध

कुछ अर्थशास्त्रियों ने यह तर्क दिया है कि देश में गरीबी वास्तव में घटने के बजाय बढ़ रही है। 'द जर्नल ऑफ द फाउंडेशन फॉर एग्रेरियन स्टडीज' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में 2022-23 में भारत में 26.4% लोग गरीब बताए गए थे, जो सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से मेल नहीं खाते।

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सरकारी योजनाओं का प्रभाव

सरकार की योजनाएं जैसे मनरेगा और मुफ्त अनाज वितरण ने गरीबों को राहत दी है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इन योजनाओं को हमेशा जारी रखा जाना चाहिए? कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इन योजनाओं के बिना गरीबी फिर से बढ़ सकती है।

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