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भारत और पाकिस्तान के बीच जहां एक ओर बॉर्डर पर जंग चल रही है तो दूसरी तरफ अब भारत के ट्रैवल एजेंट्स ने भी मोर्चा खोल दिया है। ट्रैवल एजेंट्स की एसोसिएशन की नेशनल बॉडी TAAI के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष ने बड़ी घोषणा करते हुए तुर्की और अजरबैजान के लिए की जाने वाली बुकिंग और सेल पर राेक लगा दी है। उनका कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में तुर्की और अजरबैजान ने भारत के दुश्मन पाकिस्तान का साथ देते हुए उसकी मदद करते हुए ड्रोन दिए थे। उन्हीं ड्रोन से पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था। इन दोनों ही देशों के टूरिज्म की अर्थव्यवस्था एक तरह से भारत पर ही निर्भर करती है। पिछले साल भारत से इन दोनाें देशों में कुल सवा 5 लाख पर्यटक पहुंचे थे जिनसे लगभग 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजनेस मिला था। इसको लेकर TAAI ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। साथ ही यह भी आग्रह किया है कि भारत सरकार की तरफ से तत्काल यात्रा चेतावनी जारी करे।
2024 में सवा 5 लाख पर्यटक पहुंचे
टीएएआई के एमपी और छत्तीसगढ़ इकाई के चेयरमैन हेमेन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि तुर्की और अजरबैजान की पर्यटक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से भारत पर निर्भर करती है। वर्ष 2024 में ही भारत से तुर्की के लिए पौने 3 लाख पर्यटक पहुंचे थे। वहीं, अजरबैजान के बाकू के लिए कुल ढ़ाई लाख पर्यटक गए थे। ऐसे में दोनों ही देशों के पर्यटक स्थलों के प्रमोशन और सेल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब जो भी पर्यटक बुकिंग के लिए हमारे पास आएगा उसे इन दोनों देशाें के लिए बुकिंग हमारे मेंबरों द्वारा नहीं की जाएगी। साथ ही उनसे आग्रह किया जाएगा कि वे कहीं और घूमने चले जाएं।
5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा नुकसान
चेयरमैन जादौन ने बताया कि तुर्की घूमने जाने का पैकेज लगभग 7 से 10 दिन का रहता है। इसके लिए प्रति व्यक्ति लगभग 1 से सवा लाख रुपए तक का खर्च आता है। जबकि अजरबैजान के बाकू का पैकेज 4 से 5 दिन का रहता है और उसके लिए लगभग 80 हजार से 1 लाख रुपए तक का खर्च प्रति व्यक्ति आता है। 2024 में अकेले भारत से ही तुर्की पौने 3 लाख पर्यटक पहुंचे थे। ऐसे में तुर्की को लगभग 2 हजार 750 करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजनेस मिला था। इसी तरह बाकू ढ़ाई लाख पर्यटक गए थे। तो उनसे 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजनेस मिला था।
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दिनभर में 50 के करीब आती थी इन्क्वायरी
जादौन ने बताया कि तुर्की और अजरबैजान दोनों इंटरनेशनल टूरिज्म के क्षेत्र में पिछले कुछ समय में तेजी से उभरकर सामने आए हैं। इसी कारण से भारत के साथ ही दुनियाभर से यहां जाने वालों की संख्या बड़ी है। आमतौर पर अकेले इंदौर से ही दिनभर में 50 के करीब इन्क्वायरी आ जाती थी, लेकिन युद्ध के कारण यह घटकर लगभग 5 से 7 के करीब हो गई है। हालांकि अब टीएएआई ने इन दोनों देशों के प्रमोशन पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। तो जो भी इंटरनेशनल टूरिस्ट प्लेस के लिए इन्क्वायरी आ रही है तो उन्हें हम कहीं और की जानकारी दे रहे हैं। वहीं, जिन लोगों ने इन दोनों देशों के लिए पहले से बुकिंग करवा रखी है उन्हें भी हम किसी और देश में जाने का आग्रह कर रहे हैं।
मालदीव की टिप्पणी पर भी बंद किया था प्रमोशन
जादौन ने बताया कि इसके पूर्व में भी जब मालदीव की मंत्री मरियम शिउना, डिप्टी मिनिस्टर्स अब्दुल्ला महजूम माजिद और माल्शा शरीफ ने प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसमें भारत की टूरिज्म सेक्टर में फेसेलिटीज को लेकर भी कमेंट्स थे। इसके बाद भी हमारी संस्था के सदस्यों ने मालदीव का प्रमोशन और बुकिंग कर दी थी। इसी के साथ लक्षद्वीप को प्रमोट करना शुरू कर दिया था।
सोशल मीडिया पर मालदीव का हुआ था विरोध
पीएम मोदी ने लक्षद्वीप दौरे का एक वीडियो शेयर किया था। इसमें खूबसूरती के लिहाज से लक्षद्वीप अब मालदीव को टक्कर देता नजर आया। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि लाखों रुपए खर्च कर मालदीव जाने से बेहतर है कि लक्षद्वीप जाएं। इससे मालदीव के मंत्री और नेता नाराज नजर आए। उनके आपत्तिजनक पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर भारतीयों और मालदीव के नागरिकों के बीच जंग छिड़ गई। भारत के लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि देश में हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा। लोग मालदीव का जमकर विरोध किया था। इसके बाद मालदीव की सरकार ने अपने मंत्रियों की गलती पर भारत से माफी मांगी थी और अपने मंत्रियों को हटा दिया था।
प्रधानमंत्री के नाम यह लिखा है पत्र
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल निर्दोष स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाया, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, एकता और शांति पर सीधा हमला है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले के खिलाफ देशभर में रोष व्याप्त है और अब भारत की प्रमुख ट्रेवल एजेंसी संस्था ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI) ने केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
टीएएआई ने की केंद्र सरकार से अपील
टीएएआई के एमपी और छत्तीसगढ़ इकाई के चेयरमैन हेमेन्द्र सिंह जादौन ने कहा कि ट्रैवल इंडस्ट्री देशभक्ति से अलग नहीं है। देश पर संकट आने पर व्यापार से पहले देश आता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि भारत विरोधी रुख रखने वाले देशों, विशेषकर तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ तुरंत कड़ी यात्रा चेतावनी जारी की जाए। टीएएआई ने अपने बयान में इन देशों पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन देने का आरोप लगाया है। संगठन का मानना है कि भारत के पर्यटक इन देशों में जाकर न केवल अपनी सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, बल्कि ऐसे देशों की पर्यटन अर्थव्यवस्था को समर्थन भी देते हैं, जो भारत की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी करते हैं।
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पर्यटन स्थलों का बहिष्कार करने का आह्वान
टीएएआई ने भारत के समस्त ट्रैवल एजेंट्स और पर्यटन से जुड़ी संस्थाओं से अपील की है कि जब तक तुर्की और अजरबैजान जैसे देश भारत के खिलाफ रुख में बदलाव नहीं लाते और आतंकवाद के विरुद्ध स्पष्ट समर्थन नहीं जताते, तब तक उनके पर्यटन स्थलों का प्रचार और बिक्री बंद कर दी जाए।
देश के साथ खड़ा है टीएएआई
पत्र में कहा गया है कि टीएएआई भारत सरकार और देश की सशस्त्र सेनाओं के साथ खड़ा है। संगठन ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और चंडीगढ़ जैसे सीमावर्ती राज्यों के नागरिकों और अपने सदस्यों के लिए विशेष सहायता टीम सक्रिय की है, जो लगातार मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करेगी।
टीएएआई की चेतावनी– ना भूलेंगे, ना माफ करेंगे
टीएएआई ने साफ किया है कि यह समय व्यापार का नहीं, देश के लिए खड़े होने का है। उन्होंने कहा, "जब देश खून बहा रहा हो, तो हम केवल पर्यटक एजेंट नहीं, बल्कि पहले भारतवासी हैं। हम न भूलेंगे, न माफ करेंगे, और पूरी जिम्मेदारी व संकल्प के साथ कार्य करेंगे।
तीन बिंदुओं पर लिया संकल्प
टीएएआई ने अपने सभी सदस्यों और सहयोगियों से तीन प्रमुख संकल्प लेने की अपील की है:
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प्रभावित नागरिकों और सहयोगियों के साथ एकजुट होकर खड़े रहें।
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ऐसे किसी भी देश से व्यापार ना करें, जो आतंकवाद को समर्थन देता है।
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न्याय, सुरक्षा और जवाबदेही के लिए अपनी आवाज बुलंद करें।